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भारतीय संस्कृति, कला और इतिहास से संबंधित पुस्तकों की माँग पूरे विश्व में हैं : मंत्री जयवर्द्धन सिंह

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Jan 12, 2020

भोपाल : भारतीय संस्कृति, कला और इतिहास से संबंधित पुस्तकों की माँग पूरे विश्व में है। इस क्षेत्र में मध्यप्रदेश को लीड लेना चाहिये क्योंकि मध्यप्रदेश में संस्कृति और कला की विविधता व्यापक रूप में विद्यमान है। चम्बल, निमाड़, महाकौशल और विंध्य क्षेत्र में संस्कृति और कला की विविधता व्यापक रूप से देखने को मिलती है। नगरीय विकास और आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ने भारत भवन में हार्टलेण्ड स्टोरीज, भोपाल लिटरेचर एण्ड आर्ट फेस्टिवल के समापन कार्यक्रम में यह बात कही। सिंह ने पर्यावरण, विज्ञान और रिश्ते-नाते श्रेणी में लिखी गई विभिन्न कहानियों के लेखकों को पुरस्कृत किया। उन्होंने अनेक पुस्तकों का विमोचन भी किया।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि पूरा विश्वास है कि इस फेस्टिवल का स्वरूप हर साल बढ़ता जायेगा। उन्होंने कहा कि अगले फेस्टिवल में प्रदेश की जनजातीय और धार्मिक कहानियों को भी बेहतर स्थान मिलेगा। श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश माखनलाल चतुर्वेदी, राहत इंदौरी, हरिशंकर परसाई जैसी अनेक हस्तियों के लिये जाना जाता है।

'अध्ययनशील बनिये''
जयवर्द्धन सिंह ने विद्यार्थियों से कहा कि 'अध्ययनशील बनिये'' सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक ऐसी संस्था हो, जिसमें इस क्षेत्र में कार्य करने वाले विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन मिल सके। सिंह ने लेखकों की किताबों का जिक्र करते हुए खुले मन से उनकी प्रशंसा की।

सिंह ने वर्तुल सिंह की 'भोपालनामा'', श्रेयांश दीक्षित की 'व्हेन आई मेट माई सेल्फ'', डॉ. रीमा आहूजा की 'प्री इन्डिपेंडेंस इण्डिया'', कु. ईशा वाश्यम दास की 'मर्डर एट मूनलाइट कैफे एण्ड अदर स्टोरीज'', श्री रघुराज राजेन्द्रम् की 'थ्री एस एण्ड अवर हेल्थ'' और बारह वर्ष की जुड़वा बहन भव्या और नव्या सिंह की 'पोस्ट मिलेनियल टेल्स'' पुस्तक का विमोचन किया।

स्टोरी राइटिंग कॉम्पटीशन के प्रतिभागियों को किया पुरस्कृत
मंत्री सिंह ने स्टोरी राइटिंग कॉम्पटीशन के प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। स्टोरी राइटिंग पर्यावरण, विज्ञान और रिश्ते-नातें विषय पर की गई। उन्होंने कुंवर इन्द्रजीत सिंह, ऋचा श्रीवास्तव, अनीता चौकसे, सुमित, कुलदीप शर्मा, रामकिशोर त्रिपाठी, सारा सैय्यद, झनक सिंह, प्रांजल राय, अमित गुप्ता, पूर्वा चौकसे, लोकेश गुलियानी, श्रीमती संतोष बकाया, प्रशांत चटर्जी, आशीष सहाय श्रीवास्तव, आईसा सिकंदर, अमृता मोटवानी, कृति केसरी, जरीबा खातून, अदीना सैय्यद, सलीका श्रीवास्तव, सोमेश भगवानी, प्रज्ञा चौधरी, योगेश शर्मा और अक्षय शर्मा को पुरस्कृत किया। उन्होंने जूरी के सदस्यों श्रीमती सीमा रायजादा और मंगला गौरी को भी सम्मानित किया।

शहर की पहचान सिर्फ किलों और झीलों से ही नहीं
कार्यक्रम में लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी, मसूरी के संचालक संजीव चौपड़ा ने कहा कि शहर की पहचान सिर्फ किलों और झीलों से ही नहीं, बल्कि वहाँ के साहित्य और लोगों के व्यवहार से भी प्रदर्शित होती है। गौरव चन्द्रा ने फेस्टिवल के आयोजन के संबंध में जानकारी दी। वरिष्ठ पत्रकार अभिलाष खाण्डेकर ने रायपुर स्मार्ट सिटी में बनाई गई अत्याधुनिक लायब्रेरी का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी लायब्रेरी भोपाल और इंदौर में भी बननी चाहिए। इस दौरान साहित्य और कला-प्रेमी दर्शक उपस्थित थे।