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एमपी में बदला मौसम का मिजाज, राजधानी में बिछी बर्फ की चादर!

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Feb 12, 2018

आजकल मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज देखते बन रहा है हाल ही में मौसम के तेवर कुछ इस तरह बदले कि एमपी की फिजाएं ही बदल गई। लगातार बदल रहे मौसम के चलते रविवार दोपहर तेज हवाओं के साथ मध्यप्रदेश में काफी ओलावृष्टि हुई। सुबह से ही मौसम में अलग ही तरह के बदलाव दिख रहे थे। जहां एक ओर बादलों की घटाएं छाईं रहीं वहीं दोपहर तक धूप छांव का दौर बना रहा और फिर अचानक मौसम बदल गया और हल्की बारिश तेज हवाओं के साथ चने के आकार के ओले गिरे जिसके चलते मौसम ठंडा हो गया। यह बारिश कम से कम 15 से 20 मिनट तक हुई। आपको बता दें कि इस बारिश और ओलावृष्टि से राजधानी भोपाल में सफेदी मोतियों की चादर बिछ गई थी। और यह दृश्य किसी जम्मू कश्मीर के जैसा ही प्रतीत हो रहा था।

वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के इलाकों की बात करें तो मराठवाड़ा और विदर्भ इलाके में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि में दो लोगों की मौत हो गई और खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। प्रदेश के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, जालना, बीड, अमरावती, बुल्धाना, वाशिम, अकोला और आसपास के इलाकों में ओलावृष्टि से गेहूं, अंगूर, चना और आम की फसलों को जबर्दस्त क्षति पहुंची है। किसानों ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा से चना, नारंगी, केला, ज्वार व अन्य फसलें तबाह हो गईं। कुछ जगहों पर टेनिस की गेंद के आकार के ओले पड़े, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान वाशिम के यमुना हुमबड़ और जालना के नामदेव शिंदे (70)के रूप में हुई है। महाराष्ट्र सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा के तुरंत बाद सक्रियता दिखाई और राज्य के कृषि मंत्री ने सभी किसानों को उनकी तबाह हुई फसलों के लिए मुआवजा देने की घोषणा की!

गौरतलब है कि यह ओलावृष्टि राजधानी भोपाल के अलावा सीहोर बैतूल, छिंदवाड़ा और सतना जिलों समेत प्रदेश के कई हिस्सों में भी हुई। तेज आंधी के साथ हुई ओलावृष्टि से खिड़की और दरवाजों के कांच तक टूट गए। घर की छतों पर ओले की परतें जमा हो गईं। वहीं, तेज बारिश के साथ ओले गिरने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। मौसम विशेषज्ञों का भी कहना है कि इस बारिश से फसलों को भारी नुकसान होगा। और इसी के चलते किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सीएम चौहान ने किसानों को सहायता प्रदान करने का ऐलान भी ​कर दिया।