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सुप्रीम कोर्ट के साफ निर्देशन, सात दिन के अंदर युवती से मारपीट के मामले में की जाए जांच

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Jun 6, 2018

मौसम हरिनखेड़े द्वारा तीन साल पहले की गई आदिवासी युवती से मारपीट का मामला अब जोर पकड़ता जा रहा है कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन की बेटी से जुड़े इस मामले में अब प्रदेश पुलिस के मुखिया भी लपेटे में आ सकते हैं पूर्व विधायक किशोर समरीते का कहना है कि वो इस मामले की फरियादी शारदा मसराम से सुप्रीम कोर्ट में कंटेम्प्ट लगवाएंगे।

सात दिन के अंदर की जाये जांच

समरीते का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के साफ निर्देश हैं कि अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत दर्ज मामले की जांच सात दिन के अंदर डीएसपी स्तर का अधिकारी करे लेकिन इस मामले में तीन साल गुजर जाने के बाद भी कुछ नहीं हुए समरीते का कहना है कि इस मामले में मौसम हरिनखेड़े द्वारा किया जा रहा अग्रिम जमानत का प्रयास ये बताने के लिए काफी है कि वो दोशी हैं

पुलिस कर रही है गुमराह

पुलिस पर मंत्री पुत्री को संरक्षण देने का आरोप लगाया है समरीते का कहना है कि ये मामला किसी आम आदमी के खिलाफ दर्ज होता तो पुलिस उसे तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेज देती लेकिन मंत्री गौरीशंकर बिसेन के रसूख के चलते इस मामले में कुछ नहीं किया गया समरीते ने आरोप लगाया कि पुलिस अदालत के साथ साथ पीड़ित पक्ष और आमजनता को भी गुमराह कर रही है।