Jun 6, 2018
आॅपरेशन ब्लू स्टार भारतीय सेना ने 3 से 6 जून 1984 को पंजाब के अमृतसर स्थित हरिमंदिर साहिब परिसर को ख़ालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उसके समर्थकों से मुक्त कराने के लिए चलाया गया अभियान था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1985 में होने वाले आम चुनाव से ठीक पहले इस समस्या को सुलझाना चाहती थीं अंततः उन्होंने सिक्खों की धार्मिक भावनाएं आहत करने के जोखिम को उठाकर भी इस समस्या का अंत करने का निश्चय किया और सेना को ऑपरेशन ब्लू स्टार करने का आदेश दिया।
संत जरनैल सिंह, कोर्ट मार्शल किए गए मेजर जनरल सुभेग सिंह और सिख छात्र फ़ेडरेशन ने स्वर्ण मंदिर परिसर के चारों तरफ़ ख़ासी मोर्चाबंदी कर ली थी उन्होंने भारी मात्रा में आधुनिक हथियार और गोला-बारूद भी वहां जमा कर लिया था।
भिडरांवाले ने विवादास्पद राजनीतिक मुद्दों, धर्म और उसकी मर्यादा पर नियमित तौर पर भाषण देने लगे। उन्हें एक तबके का समर्थन भी मिलने लगा, पंजाब में हिंसक घटनाएं होने लगी। सितंबर 1981 में हिंदी समाचार पत्र पंजाब केसरी अख़बार समूह के संपादक लाला जगत नारायण की हत्या कर दी गई।
इंदिरा गांधी सरकार ने पंजाब में दरबारा सिंह की कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर दिया और राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। लेकिन पंजाब की स्थिति बिगड़ती गई। मार्च 1984 तक हिंसक घटनाओं में 298 लोग मारे जा चुके थे।