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कांग्रेस-भाजपा मानपुर विधानसभा सीट को लेकर फिर आमने सामने, जीत का परचम लहराने के लिए बनी रणनीतियां

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Oct 16, 2018

दिनेश भट्ट:कांग्रेस-भाजपा मानपुर विधानसभा सीट को लेकर फिर एक बार आमने-सामने है मानपुर विधानसभा पर जीत का परचम लहराने के लिए रणनीतियां बनने लगी हैं भाजपा से मीना सिंह के अलावा दूसरे किसी प्रत्याषी का चयन करना ही काफी कठिन दिखाई देता है। वहीं कांग्रेस के प्रमुख प्रत्याषियों में शकुंतला प्रधान को कमलनाथ गुट और ज्ञानवती सिंह, तिलकराज सिंह को ज्योतिरादित्य गुट क्रे माने जाते है।

प्रदेष में जीत के अन्तर के आधार पर दूसरे नम्बर थी मीनासिंह:-सन् 2013 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की मीना सिंह ने 2,16,002 में से 70,024 वोट प्राप्त करते हुए 43.71 प्रतिशत मत पाने में कामयाबी हासिल की थी। दूसरे स्थान पर कांग्रेस की बागी निर्दलीय प्रत्याषी ज्ञानवती सिंह रही थी। निर्दलीय प्रत्याषी ज्ञानवती सिंह 26,396 वोट प्राप्त किये थे। वहीं कांग्रेस को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था कांग्रेस की शकुंतला प्रधान 25,778 वोट मतलब 16.09 मत प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रही थीं।

 
लगातार तीन चुनावों से हो रही विजयी मीनासिंह -अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित सीट मानपुर से भाजपा की उम्मीदवार मीना सिंह 2008 में भी चुनाव जीतने में कामयाब रही थीं. उस दौरान उन्होंने 1,62,843 वोटों में से 46,694 40.02 फीसदी मत के साथ जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस की ज्ञानवती सिंह 28,990 यानी 24.85 मत प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहीं।  2008 में कांग्रेस की ज्ञानवती सिंह दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि 2013 में उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया और दूसरे स्थान पर रहीं।

शिक्षा और स्वास्थ और शिक्षा बदहाल - मध्य प्रदेश के  आदिवासी बहुल उमरिया जिले में आज भी विकास की रफ्तार काफी सुस्त है। पार्टियां हर चुनाव के पहले यहां से कुपोषण और बेरोजगारी जैसी समस्या हटाने की बात करती हैं मगर चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि इन मुद्दों से दूरी बना लेते हैं। मानपुर की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है रोजगार के साधनों के अभाव में इलाके में पलायन थम नहीं पा रहा है। स्कूली शिक्षा के साथ उच्च शिक्षा की भी हालत खराब है इसके अलावा स्थास्थ्य सुविधाएं भी बदहाल हैं। कुपोषण को लेकर स्वास्थ्य अमला नाकाम साबित हो रहा है मानपुर में किसान भी परेशान नजर आता है। 

किसानों को फसलों का सही दाम भी नहीं मिल पा रहा है कांग्रेस नेतृत्व में अभी बंटा हुआ है:- मध्य प्रदेश के मानपुर विधानसभा की सियासत में हर चुनाव में दिलचस्प समीकरण बनते हैं. सीट पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा है, और कांग्रेस आगामी चुनाव में विधायक की नाकामियों को लेकर उतरने के लिए तैयार है मगर सवाल है कि यदि इस बार वह सही उम्मीदवार चयन में नाकाम रही तो उसके मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के इरादे का क्या होगा? पिछले चुनाव में बागी प्रत्याषी ज्ञानवती सिंह की वापसी एक बार फिर कांग्रेस में हो गयी है। कांग्रेस नेतृत्व किसके पक्ष में अपना भरोसा जतता है। ज्ञानवती अस्थिर चित्तमन के साथ अतिमहत्वाकंाक्षी महिला है। इस समय वे निर्दलीय होने के बावजूद जिला जनपद अध्यक्ष के पद पर आसीन है। कांग्रेस के लिए प्रत्याषी चयन काफी कठिन रहेगा। ज्ञानवती के लिए यह समझा जाता है कि वे सिंधिया गुट की प्रत्याषी है। सन् 2010 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मानपुर क्षेत्र में आदिवासियांे के साथ एक पदयात्रा भी की थी।