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फ्लोर टेस्ट के मुद्दे पर आमने-सामने कांग्रेस और बीजेपी

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Mar 13, 2020

पिछले कई दिनों से लगातार मध्यप्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस और बीजेपी में शह और मात का खेल शुरू हो चुका है। वहीं दोनों दल विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के मुद्दे पर आमने-सामने आ खड़े हो चुके है। जहां विपक्षी दल बीजेपी ने जहां 16 मार्च को बहुमत सिद्ध कराए जाने की मांग की है, वहीं कांग्रेस ने कहा है कि वह केवल अपने 22 बागी विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय के बाद ही फ्लोर टेस्ट का सामना करने को तैयार है।

फ्लोर टेस्ट आयोजित करने की मांग 
वहीं इस बात का पता चला है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीते मंगलवार यानी 10 मार्च 2020 को कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामने पर उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके है। वहीं इस बात पर गौर किया गया इसके चलते 15 महीने पुरानी कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार संकट में फंस गई थी। विधानसभा में भाजपा के चीफ व्हिप नरोत्तम मिश्रा ने बृहस्पतिवार को कहा, सरकार के अल्पमत में होने के चलते हमने राज्यपाल और विधानसभा स्पीकर से 16 मार्च को राज्य के बजट सत्र की शुरुआत के साथ ही फ्लोर टेस्ट आयोजित करने की मांग की है।

पार्टी स्पीकर पर फ्लोर टेस्ट के लिए बनाएगी दबाव 
जहां यह भी उन्होंने कहा, राज्यपाल और स्पीकर के पास 22 विधायकों के इस्तीफे हैं और अब उन्हें ही निर्णय लेना है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा, सरकार बहुमत खो चुकी है। वहीं भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने भी कहा कि 16 मार्च को बजट सत्र की शुरुआत के साथ पार्टी स्पीकर पर फ्लोर टेस्ट के लिए दबाव बनाएगी। मिली जानकारी के अनुसार जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से भाजपा की मांग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पार्टी के फ्लोर टेस्ट के लिए पूरी तरह तैयार होने की बात कही। लेकिन उन्होंने साथ ही कहा, कमलनाथ पहले ही कह चुके हैं कि हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले बागी विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय होना चाहिए।