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शादियों पर लगा कोरोना का ग्रहण, नहीं बजेगी शहनाई

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Mar 31, 2020

खतरनाक कोरोनावायरस के कहर के कारण अगले महीने 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त में शादी समारोह नहीं होंगे। शादियां कराने वाली सामाजिक संस्थाओं की पिछले दो माह से तैयारियां चल रहीं थीं। कुछ इंट्रियां भी आ चुकी थीं। उन्हें इससे निराशा होगी। बता दें ‎कि एक पखवाड़े से कोरोना वायरस सक्रिय है। यह कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है। इसके कंट्रोल के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। आगामी आदेश तक सभी सरकारी और गैर सरकारी आयोजनों पर रोक लगा दी गई है।इधर, केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने तीन माह की रणनीति बनाई है। जून तक वायरस पर काबू पाने सिस्टम को लगाया है। जून तक किसी भी आयोजन के लिए अनुमति नहीं मिलेगी। शहर में कई सामाजिक संस्थाएं हैं, जो सामूहिक विवाह सम्मेलन कराती हैं। जिनकी तैयारियां भी चल रही हैं। श्री 360 गोत्रीय खटीक समाज के अध्यक्ष राहुल राजौरे ने बताया कि तैयारियों को लेकर नई समिति गठित की थी, जो पिछले दो माह से कार्य रही है, लेकिन अब अक्षय तृतीया पर सम्मेलन नहीं होगा।

प्रतिवर्ष अक्षय तृतीया पर सामूहिक सम्मेलन

त्रिदेवी मां वैष्णो जन कल्याण समिति के अध्यक्ष विनोद पलया ने बताया कि वर्ष 2006 से प्रतिवर्ष अक्षय तृतीया पर सामूहिक सम्मेलन हो रहे हैं। 14 मार्च से 13 अप्रैल तक खरमास चल रहे हैं। राजधानी के ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस वर्ष 13 अप्रैल से 11 दिसंबर तक कुल 39 शुभ तिथियां हैं। 14 से 27 अप्रैल तक कुल 6 दिन, 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया, मई में 16 दिन, जून में 8 दिन शुभ मुहूर्त हैं। इसके बाद एक जुलाई से 25 नवंबर तक चातुर्मास में शादियां बंद रहेंगी। नवबंर में मात्र दो दिन और दिसंबर में 7 दिन शुभ तिथियां हैं। अप्रैल से जुलाई तक 30 शुभ तिथियां हैं। इस दौरान भी महामारी के चलते शादियां होना संभव नहीं हैं। यही वजह है कि नवंबर तक यानि आठ महीने विवाह के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। वायरस के चलते अक्षय तृतीया पर विवाह सम्मेलन को लेकर आयोजक मुश्किल में फस गए हैं।

वायरस के चलते संस्था अक्षय तृतीया पर आयोजन नहीं करेगी

इस वर्ष भी तैयारियां थी, लेकिन वायरस के चलते संस्था अक्षय तृतीया पर आयोजन नहीं करेगी। इसी प्रकार अन्य समाजों ने भी विवाह सम्मेलन नहीं करने का निर्णय लिया है। एक अन्य ज्योतिषाचार्य की माने तो राष्ट्रीय विपत्ति और प्राकृतिक आपदा के समय में शादी आदि मांगलिक कार्य करना ठीक नहीं होता है। ज्योतिषी गणना के अनुसार गुरु का नीच होना महिलाओं के लिए शुभ नहीं होता। गुरु नीच होने की दशा में शादियां 14 मई तक टालना बेहतर रहेगा। अगर बहुत जरूरी है तो लॉक डाउन के बाद प्रशासन से परमिशन लेकर कोर्ट मैरिज या मंदिर से कर सकते हैं। वैसे शादी समारोह उत्साह के प्रतीक होते हैं, इसलिए बेहतर होगा अभी इन आयोजनों से बचें।