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जबलपुरः 3 माह के भीतर रानी दुर्गावती चिकित्सालय लेडी एल्गिन में 22 गर्भस्थ शिशुओं की मौत

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Nov 29, 2019

अरविन्द दुबे - जबलपुर के रानी दुर्गावती चिकित्सालय लेडी एल्गिन में तीन माह के भीतर 22 गर्भस्थ शिशुओं की मौत से हड़कंप मच गया है। विगत 27 सितंबर से 27 नवंबर तक गर्भस्थ शिशुओं की मौते हुई हैं। इस मामले की सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी दर्ज की गई है। चर्चा यह भी है कि जल्द प्रसव कराने के लिए एक नर्स के द्वारा गर्भवती महिलाओं को दवा की ओवर डोज दी गई है, जिससे गर्भ में ही शिशुओं की मौत हो गई है। मामला सुर्खियों में आते ही जबलपुर संभागायुक्त ने अस्पताल प्रबंधन से पूरी रिपोर्ट मांगी है। जबलपुर के शासकीय रानी दुर्गावती चिकित्सालय लेडी एल्गिन अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की जाँच और डिलेवरी की जाती है। साथ ही नवजात शिशुओं का इलाज किया जाता है। महाकौशल क्षेत्र के इस अस्पताल में लगभग 18 जिलों से रेफर मामले आते हैं।

शिशुओं की मौत के मामले में अस्पताल प्रबंधन दे रहा अपनी सफाई

विगत तीन माह में गर्भस्थ शिशुओं की मौत के चौकाने वाले आंकड़े आने पर अस्पताल प्रबंधन अपनी सफाई दे रहा है। अस्पताल प्रबंधन का मानना है कि गर्भस्थ शिशुओं की कुल 12 मौते हुई हैं। जिनमें अस्पताल में गर्भवती महिला के इलाज के दौरान सिर्फ एक गर्भस्थ शिशु की मौत हुई है। शेष 11 मौते गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने के दौरान विभिन्न कारणों से हुई हैं। वहीं जबलपुर के रानी दुर्गावती चिकित्सालय लेडी एल्गिन अस्पताल के आरएमओ डॉ संजय मिश्रा का कहना है कि यह महाकौशल क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल है जिसमें दूर दराज के ग्रामीण अंचलों से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाया जाता है। ऐसे में सड़क ख़राब होने, ज्यादा दूरी और समय पर ऐंम्बुलेंस न मिलने से गर्भस्थ शिशुओं की जान पर संकट आ जाता है और कई बार नवजात की मौत भी हो जाती हैं,  जो कि अस्पताल के आंकड़ों में दर्ज हो जाती है। जिसके लिए अस्पताल जिम्मेदार नहीं होता है। उन्होंने स्वीकार किया कि अस्पताल में एक गर्भस्थ शिशु की मौत पर अस्पताल की ही एक नर्स की विभागीय जाँच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि जबलपुर का रानी दुर्गावती चिकित्सालय लेडी एल्गिन अस्पताल प्रदेश के बेहतरीन शासकीय महिला अस्पतालों में से एक है।