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ग्वालियरः नशा मुक्ति केंद्रों में पहुंचने वाले मरीजों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के प्रति संबंधित विभाग लापरवाह

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Jun 28, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा- ग्वालियर महानगर में नशा मुक्ति केंद्रों के नाम पर नशा करने वाले मरीजों पर प्रताड़ना और जान से मारने तक की कार्रवाई की जा रही है। इसी तरह का एक मामला अभी पांच दिन पहले हुआ है जिसमें कि ग्वालियर के बहोड़ापुर स्थित न्यू लाइफ नशा मुक्ति केंद्र पर प्रताड़ना के बाद एक नौजवान इमरान की मौत हो गई, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी मामला दर्ज कर खानापूर्ति कर दी गई है। संबंधित विभाग शहर में चल रहे इस तरह के केंद्रों का ना तो निरीक्षण करता है, और ना ही कोई ठोस कार्रवाई करता है। जिसके चलते इस तरह के नशा मुक्ति केंद्र अपनी मनमानी कर रहे हैं। सबसे अहम बात यह है कि बहोड़ापुर स्थित इस नशा मुक्ति केंद्र का सामाजिक न्याय विभाग में पंजीयन तक नहीं है।

अवैधानिक रूप से चल रहे हैं दर्जनों नशा मुक्ति केंद्र

इस घटना के बाद से जिला प्रशासन की टीम और सामाजिक न्याय विभाग भी जाग गया है। सामाजिक न्याय विभाग ने जब पड़ताल की तो ग्वालियर में करीब दो दर्जन नशा मुक्ति केंद्र संचालित होते मिले। इनमें से सिर्फ तीन के पास सामाजिक न्याय विभाग का पंजीयन था। बाकी सब अवैधानिक रूप से चल रहे हैं। नशा मुक्ति केंद्रों के नाम पर दबंग लोग इस तरह के केंद्र चला रहे हैं और नशा छुड़ाने और नशे की लत छुड़ाने के नाम पर अभिभावकों से मोटी रकम वसूल कर रहे हैं। सामाजिक न्याय विभाग ने जब बिना अनुमति के चल रहे ऐसे नशा मुक्ति केंद्रों की पड़ताल की तो अब अवैधानिक रूप से चलाने वाले लोग अंडरग्राउंड हो गए हैं और उन अवैधानिक केंद्रों पर ताले लटक चुके हैं। जिस नशा मुक्ति केंद्र पर इमरान नाम के व्यक्ति की मौत हुई थी, उसके खिलाफ पुलिस में भी एफआईआर दर्ज कराई गई है।

सामाजिक न्याय विभाग करेगा अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों की जांच

सामाजिक न्याय विभाग ने अपने विभाग में पंजीकृत प्रतिज्ञा नशा मुक्ति केंद्र में निरीक्षण की खानापूर्ति की। आपको बता दें कि न्यू लाइफ नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती इमरान की मारपीट के बाद हुई मौत के बाद अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केंद्र अलर्ट हो गए और अब भागने की तैयारी में हैं। वहीं अब सामाजिक न्याय विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर दावा कर रहे हैं कि अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों की जांच अब अलग-अलग क्षेत्र के एसडीएम के जरिए कराई जाएगी।  

वैधानिक रूप से चल रहे केंद्रों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता

ग्वालियर में करीब 15 से 18 नशा मुक्ति केंद्र अवैधानिक रूप से चल रहे हैं। जो यहां भर्ती होने वाले लोगों से 15 से 20 हज़ार की फीस वसूलते हैं। इसके अलावा मरीज के खाने-पीने के सामान में परिवार वालों से ड्राई फूड सहित कई वस्तुएं मंगाई जाती हैं। इन सभी का उपयोग भी नशा मुक्ति केंद्र संचालकों द्वारा ही किया जाता है। सामाजिक न्याय विभाग जिसके अधीन यह नशा मुक्ति केंद्र आते हैं, वह भी अपने पास अधिकार ना होने की बात कहकर और अपने विभाग में पंजीयन ना होने के कारण ऐसे अवैधानिक केंद्रों पर कार्रवाई करने से बचता रहा है। जिससे इन नशा मुक्ति केंद्रों को पनपने का और ज्यादा मौका मिल रहा है। जरूरत है कि प्रशासन और पुलिस की टीम इन बिना पंजीयन व अवैधानिक रूप से चल रहे केंद्रों पर कड़ी कार्रवाई करे।