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उप कुलसचिव के अनावश्यक हस्तक्षेप से फैल छात्रा ​हुई पास, जानिए पूरा मामला

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Apr 16, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा : जीवाजी विश्वविद्यालय के एक उप कुलसचिव के अनावश्यक हस्तक्षेप से फैल छात्रा को पास कराने का मामला सामने आया है। मामले का खुलासा होने पर अभी छात्रा का ना सिर्फ रिजल्ट रोक लिया गया है, बल्कि पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।

दरअसल शहर के विजयनगर आमखो में रहने वाली नीरा सोनी ने एम ए प्रीवियस सोशल वर्क दूरस्थ शिक्षण संस्थान से सप्लीमेंट्री परीक्षा मार्च 2015 में दी थी। इसके पुनर्मूल्यांकन को लेकर उसने परीक्षा नियंत्रक को आवेदन दिया था। यह आवेदन गोपनीय विभाग के करेक्शन सेल में गया और यहां के रिटायर्ड शिक्षक ने 11 फरवरी को चार्ट में 10 की जगह 24 और 32 के स्थान पर 40 नंबर देकर छात्रा को पास कर दिया। 

छात्रा के चारों विषय काट कर दूसरे विषय चढ़ा दिए गए। चार्ट में करेक्शन के आधार पर 26 फरवरी को नई अंकसूची बना दी गई। गोपनीय विभाग के बाबू ने उस पर अपने हस्ताक्षर भी किए। गोपनीय विभाग के उप कुलसचिव डॉ राजीव मिश्रा ने सर्विस प्रोवाइडर के जरिए रखे गए कर्मLचारी को चार्ट और अंकसूची लेकर परीक्षा विभाग में भेजा और उसे छात्रा को पास कराने के निर्देश दिए यहां से भी शिक्षक अरुण कुमार शर्मा ने जब दस्तावेज चेक किए तो पता चला छात्रा का टोकन, ईएनएस और दस्तावेज नहीं है। शक होने पर शिक्षक ने उप कुल सचिव को लिखित अवगत कराया ,कि प्रकरण टोकन पर लाएं बिना दस्तावेज को जांचे बिना चार्ट से कॉपी करना संभव नहीं है। 

इस पर कुलसचिव ने लिखा कि गोपनीय विभाग से चार्ट चेक हो चुका है। उनकी सूची जारी करें जब यह अंकसूची परीक्षा विभाग के इंचार्ज विकास चतुर्वेदी के पास पहुंची तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताई। अब मामले के संज्ञान में आते ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और फिलहाल छात्रा का रिजल्ट रोक दिया गया है। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि उप कुलसचिव ने किसी भी तरह का लिखित या मौखिक आदेश नहीं दिया है।