Oct 26, 2018
धर्मेन्द्र शर्मा - सरकारी योजनाएं कागजों में तो बनती हैं, लेकिन अमल में आने में इनहे कई माह लग जाते हैं केन्द्र सरकार ने मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए ग्रामीण इलाको मे मच्छरदानी बांटने की योजना बनाई थी कागजों में इसकी प्लानिंग करीब 2 साल से चल रही थी 6 माह पहले सर्वे भी हो चुका है। लेकिन मच्छरदानी अब तक नहीं आई हैं जिले के जिन ब्लॉकों में यह मच्छरदानी बंटना थीं, यदि समय पर पहुंच गईं होती तो शायद इन क्षेत्रों के करीब दो दर्जन मरीज डेंगू की गंभीर बीमारी से बच गए होते।
डेंगू से अब तक चार की मौत
जिले में डेंगू से अब तक चार की मौत हो चुकी है, जबकि डेंगू मरीजों की संख्या 500 के पार हो चुकी है इसमें भितरवार ब्लॉक, बरई, घाटीगांव ब्लॉक, हस्तिनापुर और डबरा ब्लॉक से डेंगू के तकरीबन दो दर्जन मरीज पॉजीटिव पाए गए हैं यह वे इलाके हैं, जिनका चयन सरकारी योजना में मच्छरदानी बांटने के लिए 6 माह पहले हो चुका है बीमारी पैर पसार चुकी है, जिस पर काबू पाना अब जिला मलेरिया विभाग के लिए भी मुश्किल हो गया है। यदि समय रहते यह मच्छरदानी पहुंचकर बंट गई होती तो कई लोग इस गंभीर बीमारी से पीड़ित होने से बच गए होते।
जिम्मेदार आचार संहिता का दे रहे हवाला
गौरतलब है कि इस योजना के तहत 3 लाख 14 हजार 400 मच्छरदानी विदेश से आनी है जिन्हे 47 उप स्वास्थ्य केन्द्रों के अंतर्गत आने वाले गांवों में बांटा जाना है जिम्मेदार अभी आचार संहिता का हवाला दे रहे है अफसरों की मानें तो अभी मच्छरदानी को आने में 2 माह से अधिक समय लग सकता है।