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पुनर्जन्मः 1986 में हुई थी मौत, 32 साल बाद आया लौटकर

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Apr 2, 2018

बुरहानपुर। आपने पुनर्जन्म के बारे में सिर्फ फिल्मों में ही देखा और सुना होगा, लेकिन हकीकत में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। 13 साल के सूर्यव्रत को 1986 में मरे योगेश के जीवन से जुड़ी सभी बातें याद हैं, उसने पुनर्जन्म के अपने गांव और रिश्तेदारों को पहचाना है, विज्ञान पुनर्जन्म को भले ही मान्यता ना दे लेकिन गांव के लोग इसे सच मान रहे हैं।

ट्रैक्टर के पहिये में दबने से हुई थी मौत...

दरअसल बुरहानपुर जिले के ग्राम निम्बापुर में 4 साल के योगेश की 5 अप्रैल 1986 को ट्रैक्टर के पहिये के नीचे दबने से मौत हो गई थी, उसके बाद निम्बापुर से 30 किलोमीटर दूर ग्राम बभाड़ा में सुधाकर चौधरी के घर 15 जून 2005 को सूर्यव्रत ने जन्म लिया जैसे-जैसे सूर्यव्रत ने होश संभाला वैसे वैसे वो पूर्वजन्म की बातें और घटनाएं भी दोहराने लगा।

जब इसकी भनक 32 साल पहले हादसे में मारे गए योगेश के पिता गोविंद सिंह जाधव को लगी तो वो सीधे सूर्यव्रत से मिलने उसके घर पहुंचे, सूर्यव्रत ने उनको पूर्वजन्म की सभी बातें भी बताई जो बिल्कुल सत्य निकली इतना ही नहीं सूर्यव्रत को योगेश के गांव निम्बापुर भी ले जाया गया। जहां पहुंचते ही उसने अपना पुश्तैनी मकान पहचानने के साथ ही अपने पूर्वजन्म के चाचा को भी पहचान लिया।

पुरानी बातों का किया जिक्र...

उसने गांव में पूर्व में बीत चुकी अनेक बातों का भी जिक्र गांव के लोगों के समक्ष किया जो सभी सही निकली हैं, वहीं दूसरी ओर योगेश के पुराने फ़ोटो भी सामने लाए गए जो सूर्यव्रत के चार साल की उम्र की फ़ोटो से मिलती जुलती है। फिलहाल 32 साल बाद अपने मृत बच्चे को सामने देख योगेश के माता पिता खुश है।