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डिंडोरी जिले में दिव्यांग अतिथि शिक्षक बना प्रेरणा स्रोत, 80 प्रतिशत दिव्यांग होने के बाद भी दूसरो को दे रहे हैं शिक्षा

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Jul 15, 2019

शिवराम बर्मन : डिंडोरी जिले के सहजपुरी में एक दिव्यांग अतिथि शिक्षक जिसका नाम है भगवानदिन, भगवानदीन के दोनों हाथ के पंजे के साथ एक पैर छोटा है, इसके बाद भी घर के पूरे काम के साथ बच्चों को बेहतर शिक्षा दे रहे है, हम आपको ऐसे शिक्षक से मिलवाने जा रहे हैं जो सबसे कम वेतन में लग्न और ईमानदारी से काम करते हुए बच्चों का भविष्य सवार रहे हैं, स्कूल के बच्चे भी अपने शिक्षक का इंतजार करते हैं और स्कूल साथ जाते हैं।

प्राथमिक शाला शहजपुरी में पदस्थ अतिथि शिक्षक भगवानदीन दोनों हाथ एवं एक पैर से 80% दिव्यांग है, कलाई ना होने के बावजूद भगवानदीन बच्चों को ब्लैकबोर्ड में लिख कर तालीम देने ऐसे लिखते हैं जैसे मानव टाइपिंग कर रहे हो, उनकी सजी हुई लेखनी से क्लास के बच्चों को समझने में आसानी होती है। बात अगर बच्चों की उपस्थिति रजिस्टर से उपस्थिति लेने की हो या फिर ब्लैक बोर्ड से लिखवा कर पढ़ाने की दोनों ही काम भगवान बड़ी आसानी से अपने हाथों से करते हैं। यही नहीं किताबी ज्ञान के साथ-साथ भगवानदीन स्कूल के बच्चों को जनरल नॉलेज की जानकारी देते हैं भगवानदीन ने सरकार से मांग की है कि उन्हें सरकारी नौकरी दी जाये जिससे अपने परिवार को पालने और गांव के बच्चों को शिक्षा देने में आसानी हो।