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डॉक्टर ने जीवित महिला को किया मृत घोषित, पुलिस बेखबर

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Mar 6, 2018

ग्वालियर के सिंधिया नगर पहाड़ी पर एक महिला अपने पिता के घर आई थी, इस दौरान पिछले 10 दिनों से उसकी तबीयत खराब चल रही थी सोमवार की शाम ज्यादा हालत खराब होने पर जब महिला को डॉक्टर के पास दिखाने के लिए ले गए तो डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया। लेकिन जब उसके परिजन महिला के अंतिम संस्कार के लिए उसको लेकर श्मशान घाट पहुंचे तो महिला की जिंदा होने की भनक लगी, महिला को एक समीप बने मंदिर पर ले गए जहां पर घंटों तांत्रिक क्रिया चलती रही लेकिन जैसे ही स्वराज एक्सप्रेस की टीम मौके पर पहुंची तो महिला के परिजन महिला को लेकर किसी अस्पताल के लिए भाग निकले और तांत्रिक भी कैमरा देख कर मौके से फरार हो गया।

दरअसल हुआ यूं की पुत्री बाई नामक एक महिला सिंधिया नगर पहाड़िया पर अपने पिता के घर यानी मायके आई हुई थी, इस दौरान पुत्रीबाई की कुछ तबीयत खराब रहने लगी थी, वह पिछले 10 दिनों से किसी डॉक्टर पर उपचार करा रही थी लेकिन सोमवार की शाम को ज्यादा हालत खराब होने पर उसके परिजन डॉक्टर को दिखाने ले गए तो कुछ ही देर में डॉक्टर ने पुत्रीबाई को मृत घोषित कर दिया जिस पर उसके परिजन पुत्री बाई को लेकर घर आ गए और उसके अंतिम संस्कार की तैयारियां करने लगे।

अंतिम संस्कार के लिए जैसे ही पुत्रीबाई को श्मशान घाट ले कर गए वैसे ही किसी ने देखा कि उसकी आंखों से आंसू निकल रहे हैं जिस पर लोगों ने नब्ज टटोली तो पुत्रीबाई की नब्ज चल रही थी फिर क्या था पुत्रीबाई को लेकर पास में ही बने एक मंदिर पर परिजन और आसपास के लोग पहुंचे जहां एक तांत्रिक को भी बुलाया गया तांत्रिक घंटो तक पुत्री पर कोई बुरा साया बता कर तांत्रिक क्रिया करने लगा जब इस मामले की खबर स्वराज एक्सप्रेस को पता चली और स्वराज एक्सप्रेस की टीम मौके पर पहुंची तो तांत्रिक कैमरा देख कर भाग निकला, वहीं पुत्री के परिजन पुत्री को लेकर किसी डॉक्टर के पास भाग निकले जब हमारी टीम ने बात करने की कोशिश की तो यह जवाब नहीं दे पाए कि किस डॉक्टर को उसको दिखाया था और अब कहां लेकर जा रहे हैं।

कुल मिलाकर पुत्रीबाई डॉक्टर और तांत्रिक के बीच फसकर जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है।पता नहीं है उस को कहां ले जाया गया है, खास बात यह है इस मामले में अभी तक ना तो पुलिस मौके पर पहुंची है और ना ही यह पता लगाने का प्रयास किया है कि पुत्रीबाई जीवित है या मृत या उस को कहां ले जाया गया है और किस डॉक्टर का उपचार चल रहा है और किस डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया था वह डॉक्टर सरकारी था या फिर झोलाछाप यह भी अभी तक राज बना हुआ है।