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सागर : किसानों के पंजीयन का आंकड़ा पहुंचा 57 हजार के पार

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Mar 6, 2018

सागर में समर्थन मूल्य पर इस बार गेहूं के दाम 2 हजार रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदे जाने के बाद जिले में किसानों के पंजीयन का आंकड़ा 57 हजार के पार पहुंच गया है। सीएम की घोषणा के बाद 17 हजार नए किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने पंजीयन कराया है, लेकिन इन किसानों से गेहूं खरीदी से पहले प्रशासन द्वारा किसानों का सत्यापन कराया जाएगा।

इस तरह से बढ़ती किसानों की संख्या कहीं ना कहीं किसी बड़े घोटाले की ओर इशारा करती है प्रारंभिक जांच में कुल पंजीयन में से ऐसे पंजीयन खातों की संख्या 6769 है जिन्हें संदिग्ध की श्रेणी में रखा गया है जो अपने आप में चौंकाने वाला है इन पंजीयन खातों में जहां कुछ पंजीयन  ऐसे हैं जिनमें एक ही बैंक खाते में अलग अलग लोगों के नाम दर्ज हैै तो वहीं दूसरी ओर एक ही मोबाइल नंबर में 5 से अधिक किसानों का पंजीयन दर्शाया गया है बैंक खाता 667019028505 पर 12 किसानों ने पंजीयन कराया है। मोबाईल नंबर-94256-61633, 88784-60911, 89822-37105, ऐसे है जो पांच से अधिक किसानों के प्रपत्र में दर्ज है। यह मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया जिसके बाद प्रशासन के अधिकारियों ने इस मामले में जांच के आदेश जारी कर दिए हैं

इस मामले में जब नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से बात की तो उनका कहना है कि गेहूं उपार्जन में पंजीयन कराने वाले किसान का मोबाइल नंबर उसके अलावा अन्य किसान के पंजीयन प्रपत्र के साथ भी दर्ज है। इस विसंगति को समय सीमा के भीतर सही कराने के निर्देश कलेक्टर सिंह ने केन्द्रीय सहकारी बैंक जनरल मैनेजर व उप पंजीयक सहकारी समिति को दिये। 

पंजीयन प्रपत्रों में अनेक बैंक खाते है जो एक से अधिक किसानों के पंजीयन में दर्ज है। प्रारंभिक जांच में कुल पंजीयन में से ऐसे बैंक खातों की संख्या 6769 है जिन्हें संदिग्ध की श्रेणी में रखा गया है कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि ऐसे विसंगतिपूर्ण आवेदनों की सूची 12 मार्च तक फील्ड पर जाकर ठीक करें वहीं जब उनसे पूछा गया क्या यह किसी घोटाले की ओर इशारा करता है तो इनका कहना है कि अभी जब खरीद ही नहीं हुई तो घोटाला कैसा।

बता दें कि नया पंजीयन कराने वाले करीब 17 हजार किसानों की जांच कराई जा रही है। पंजीयन में कुछ गलतियां भी मिली हैं कई किसानों के खाता नंबर तथा मोबाइल नंबर एक ही है  अनुचित लोगों अथवा व्यापारियों को लाभ ना मिले इसलिए इस मामले की जांच एक समिति बनाकर कराई जा रही है