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मध्य प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर दो घंटे के अवकाश पर, सरकार पर दबाव बनाने की राजनीति

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Sep 11, 2019

विनोद शर्मा : मध्य प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सातवां वेतनमान नहीं दिए जाने की मांग को लेकर घंटे के अवकाश पर चले गए हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा, सागर और जबलपुर सहित सात नए मेडिकल कॉलेज रतलाम, विदिशा, दतिया, खंडवा, छिंदवाड़ा, शिवपुरी और शहडोल के मेडिकल कॉलेजों के टीचर्स सातवां वेतनमान की मांग कर रहे हैं।

वचन पत्र में सरकार ने किया था वादा..
दरअसल साल 2018 में मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इन मांगों को लेकर चर्चा की थी। लेकिन निराकरण नहीं हो पाया था। 26 सितंबर 2018 को मुख्यमंत्री का घेराव भी किया गया था। ग्वालियर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर सुनील अग्रवाल का कहना है कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव में जारी वचन पत्र 2018 में नया वेतनमान देने और सुविधाएं देने का वचन दिया गया है। हम चाहते हैं कि सरकार नया वेतनमान नई सुविधाएं प्रदान करने का वचन पूरा करें।

12 सितंबर को कैबिनेट की बैठक
बता दें कि डॉक्टर्स की निगाहें अब कमलनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक पर है। कैबिनेट की बैठक 12 सितंबर को रखी गई है। जिसमें डॉक्टरों को सातवें वेतनमान के साथ और भी मांगे शामिल है लेकिन डॉक्टर ने साफ कर दिया है कि जिस हिसाब से उन्होंने अपना रोड मैप डॉक्टर्स के लिए बनाया है। वह मंजूर नहीं है और उनके हिसाब से अगर कैबिनेट फैसला नहीं देती है, तो 30 सितंबर को सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।

डॉक्टरों के 2 घंटे का अवकाश, दबाव बनाने की राजनीति
बहरहाल डॉक्टर की 2 घंटे का अवकाश एक दबाव बनाने की राजनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है। क्योंकि कल कमलनाथ कैबिनेट की बैठक है और ऐसे में प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज में सरकार के खिलाफ सुबह 10 से 12 बजे तक धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। आपको बता दें कि बनाने की कोशिश है। दो घंटे के विरोध के दौरान चिकित्सा शिक्षा शिक्षक काम और टीचिंग नहीं करेंगे, ओपीडी वार्ड और ऑपरेशन भी नहीं किए जाएंगे। केवल इमरजेंसी इलाज और उपचार मरीजों को दिया जाएगा।