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छिन्दवाड़ाः रेत के अवैध खनन से जलस्तर खत्म, साथ ही शासन को रोज लग रहा लाखों का चूना

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May 12, 2019

दिनेश धारपुरे- सौसर क्षेत्र में रेत के अवैध परिवहन ने ग्रामीणों का जीना हराम करके रखा है तो शासन को अवैध परिवहन कर रोज लाखों रुपये का चूना लग रहा है। जिम्मेदार लोग केवल अपने हिस्से की मलाई में ही खुश नजर आ रहे हैं। क्षेत्र में कई सालों से रेत का अवैध परिवहन बेख़ौफ़ हो रहा है और यहाँ आने वाले नए अधिकारी कुछ दिन अपना ट्रेलर दिखा कर बेपरवाह हो जाते हैं। इन अधिकारियों को ट्रैलर से रेत का अवैध व्यापार करने वाले ज्यादा दिन तक चलने नहीं देते और कुछ दिन बाद जैसे के तैसा हो जाता है। रात दिन अवैध खनन कर क्षेत्र के नदियों को छलनी कर क्षेत्र का वातावरण दूषित करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे।

रात दिन प्रशासन और ग्रामीणों के छाती पर खड़े होकर माफिया कर रहे अवैध खनन

चंद बाहर से आये लोगों के साथ मिलकर क्षेत्र के लोग भी रेत के अवैध व्यवसाय में शामिल हैं, जो रात दिन नदियों में एनजीटी नियम कायदों को अधिकारियों को समर्पित कर रेत का अवैध व्यवसाय कर रहे हैं जिससे क्षेत्र का जलस्तर खत्म होता नजर आ रहा है। नदियों पर परम्परागत तरबूज, डंगरे सहित अन्य व्यवसाय करनेवाले को भूखे मरने की नौबत आ गई है। वहीं सत्ता जब नहीं थी, तब जोर शोर से धरने आंदोलन कर लोगों में रेत माफ़ियाओं के खिलाफ आवाज उठाने वाले क्षेत्र के छोटे बड़े राजनेता भी सत्ता के साथ लुप्त हो चुके हैं। इस क्षेत्र के अधिकारी लोगों को रेत माफ़ियाओं के तांडव ने निजात दिला पाने में पूर्णतः विफल साबित हुए हैं। इसी कारण से लोगों को रेत माफियाओं के खिलाफ एकजुट होकर सामना करने को मजबूर होना पड़ रहा है और प्रशासन के लाचारी का पूरा फायदा रेत माफिया उठा रहे हैं।

रेत के अवैध परिवहन से परेशान ग्रामीणों ने रोके रेत से भरे डंपर

वहीं ग्रामीणों ने रेत माफियाओं के अवैध रेत से भरे डंपर गांव से नहीं जाने दिए। तब पुलिस ने गांव से डंपर जब्त कर ठाणे में खड़े कर, अपनी जम्मेदारी निभा कर पूरा मामला खनिज विभाग को सौप दिया है। वहीं खानीज विभाग की जागृत टीम इस मामले को किस प्रकार हैंडल कर लोगों को माफ़ियाओं के चुंगल से कैसे मुक्ति दिलाएंगी, यह मात्र विचारणीय है।