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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया रविन्द्र नाथ टैगोर सांस्कृतिक भवन का लोकार्पण

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Feb 22, 2019

दीपेश शाह- 15 करोड़ रुपए की लागत से बनी ऑडिटोरियम रविंद्र नाथ टैगोर सांस्कृतिक भवन का कल विदिशा की सांसद और देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकार्पण किया। इस अवसर का लाभ उठाते हुये मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक मंत्री डॉ विजयलक्ष्मी साधो ने खुलेआम सार्वजनिक मंच से सुषमा स्वराज से कहा कि आप जिसका लोकार्पण कर रही हैं उसकी राशि तो आपने हमें पूरी उपलब्धि नहीं कराई है। सिर्फ 2 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं। इस पर कुछ देर के लिए सारे लोग स्तब्ध हो गए। आधे अधूरे बने हुए इस भवन का जल्दबाजी में लोकार्पण किया गया। कंपनी के एमडी ने  खुद अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि मुझे अभी 8 करोड़ ही मिले हैं, जबकि 14 करोड़ का काम कर चुका हूं, एक करोड़ का काम और होना है।

देना था 40% हिस्सा मध्य प्रदेश सरकार को, 15 करोड़ की लागत से बना भवन

वैसे तो सुषमा स्वराज जब बोलती हैं तो सारे लोग चुपचाप उनको सुनते हैं, लेकिन कल समारोह में मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री डॉ विजयलक्ष्मी साधो जो कुछ देर के लिए लोकार्पण समारोह में शामिल हुई और अपना भाषण पूरा होते ही मंच छोड़ कर चली गई। मंच पर मौजूद थे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, खुद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, जिले के प्रभारी मंत्री हर्ष यादव, सागर के लोकसभा सांसद लक्ष्मीनारायण यादव और प्रभारी मंत्री के बाद इस लोकार्पण समारोह में जब बोलने की बारी आई संस्कृति मंत्री डॉ विजयलक्ष्मी साधो की तो माफी मांगते हुये उन्होंने भाषण में कहा कि आपको पता है यह सांस्कृतिक भवन 15 करोड़ की लागत से बना है लेकिन ठेकेदार को अभी मात्र आठ करोड़ ही मिले हैं क्योंकि साठ परसेंट हिस्सा केंद्रीय संस्कृति विभाग को देना था 40% हिस्सा मध्य प्रदेश सरकार को देना था। ऐसे 15 करोड़ में यह भवन तैयार होना था, लेकिन भवन आधा अधूरा है और आपने अपने हिस्से का मात्र दो करोड़ ही हमें उपलब्ध कराया है।

शेष पैसा एमपी गवर्नमेंट से और भारत सरकार से है आना

कंपनी केएमडी जो सांस्कृतिक भवन को बना रहे हैं सुशील शर्मा ने बताया कि अभी लगभग 1 महीने का काम और शेष बचा है जल्दबाजी में लोकार्पण होना था इसलिए हमने जल्दी जल्दी काम किया है। हमें अभी आठ करोड़ ही मिले हैं जबकि हम 14 करोड़ का काम पूरा कर चुके हैं ऐसी लगना है, अभी पार्किंग वगैरह होनी है, शेष और भी काम होना है, जो हम 1 महीने में पूरा कर लेंगे। हमने तेजी से दिन-रात लगाकर कार्य किया। शेष पैसा हमें एमपी गवर्नमेंट से और भारत सरकार से आना है, अभी नहीं आया।