Dec 23, 2018
वीरेन्द्र वर्मा : प्रदेश में किसानों को यूरिया खाद नही मिल रही है। सहकारी समितियों में यूरिया नही है, लेकिन कलेक्टर कमी से इनकार कर रहे है। किसान खाद की कमी को केन्द्र सरकार की बदले की भावना से देख रहे है। अक्टूबर से ही खाद नही मिल रही है ये भाजपा के समय शुरू हुआ है।
इन किसानों का कहना है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार आते ही केंद्र की भाजपा सरकार ने राजनीतिक षडयंत्र करना शुरू कर दिया है। यूरिया खाद को लेकर किसान परेशान है। सहकारी समितियों पर खाद नही है और प्रायवेट जगह पर ब्लेक में यूरिया किसानों को उपलब्ध हो रही है। सहकारी समितियों में यूरिया की बोरी 270 रूपए में मिलती है जो ब्लेक में 400 से 500 रूपए में मिल रही है। एक बीघा में करीब 1.5 बोरी यूरिया किसान को फसल के लिए लगता है । सहकारी समितियों के गोडाउन खाली पड़े है। ऐसे में कलेक्टर निशांत वरवड़े यूरिया खाद सुगम उपलब्ध होने की बात कह रहे है। पर सच्चाई यह है कि किसानों को फसलों के लिए यूरिया खाद नही मिल रहा है।








