Sep 17, 2019
गिरिराज बोहरे - राजस्थान के कोटा बैराज डैम से 6 लाख क्यूसेक और गांधी सागर डैम से 16 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से भिंड जिले में बाढ़ के हालात बन गए हैं। अटेर इलाके के चंबल किनारे बसे करीब 20 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इन सभी गांव का जिला मुख्यालय से पूरी तरह संपर्क टूट चुका है। हालात यह है कि लोगों को इन गांव से सुरक्षित निकालने के लिए सेना की मदद लेनी पड़ रही है। वहीं जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी भी आर्मी और होमगार्ड रेस्क्यू टीमों के साथ मौके पर मौजूद हैं। जो लगातार बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को निकालने और गांव खाली कराने का काम कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि देर रात तक चंबल नदी में और ज्यादा पानी आने की संभावना है। ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए जिले भर से पुलिस बल कर साथ आर्मी के 60 जवान मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं।
राजस्थान से चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है पानी
दरअसल भिंड जिला अब तक अपनी औसत बारिश से काफी पीछे है। बावजूद इसके जिले के अटैर इलाके में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। जिसका कारण चंबल नदी का जलस्तर बढ़ना है। यह पानी राजस्थान से चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है। बुधवार को राजस्थान के कोटा बैराज से 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसका असर अटेर इलाके में दिखाई दिया। जहां चम्बल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है और करीब 20 गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं। इसी बीच गांधी सागर डैम से भी 16 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
गांव तक पहुंच कर लोगों तक मदद भी पहुंचाई जा रही
अटेर के हालातों को देखते हुए जिला कलेक्टर, एसपी समेत तमाम अला अधिकारी इलाके में मौजूद हैं और लगातार होमगार्ड रेस्क्यू टीमों के साथ आर्मी के 60 जवानों के दल की मदद से लोगों को डूब प्रभावित गांव से नाव के जरिये निकाला जा रहा है। इसके साथ ही लगातार गांव-गांव तक पहुंच कर लोगों तक मदद भी पहुंचाई जा रही है। इन बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा करने और हालातों का जायजा लेने चम्बल कमिश्नर रेणु तिवारी और आईजी डीपी गुप्ता भी मौके पर पहुंचे। कमिश्नर रेणु तिवारी ने बताया कि तेजी से गांव खाली खाली कराए जा रहे हैं, लेकिन लोग अपने घर और मवेशियों के बिना जाने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में उन्हें समझाया जा रहा है। फिर भी जो लोग नहीं मानेंगे उन्हें जबरदस्ती वहां से हटाया जाएगा।
प्रशासन द्वारा राहत शिविरों में इन लोगों के लिए रूकने और खाने पीने की है व्यवस्था
बात दें कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों से करीब 150 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकल लिया गया है। वहीं करीब 400 से ज्यादा लोग अभी भी फंसे हुए हैं। जिनके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं। इसके साथ प्रशासन द्वारा राहत शिविरों में इन लोगों के लिए रूकने और खाने पीने की व्यवस्था की गई है। आर्मी और प्रशासन को उम्मीद है अगले कुछ घंटों में सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया जाएगा।