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पिछले 13 सालों से जेल में बंद पति को किया गया दोषमुक्त करार

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Feb 23, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा- हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक महिला की हत्या के मामले में पिछले 13 सालों से जेल में बंद पति को दोषमुक्त करार दिया है। कोर्ट ने महिला के देवर को भी हत्या के आरोप से मुक्त किया है। मामला जिले के डबरा थाना क्षेत्र का है। यहां रहने वाली बेबी शर्मा की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। जिसमें पुलिस ने महिला की मौत में पति और देवर को आरोपी बनाया था।

आरोपी 27 जून 2006 से ही जेल में था बंद

बताया जाता है कि मृतक महिला बेबी को आखिरी बार मकान का शुभारंभ करने के लिए पति दिनेश शर्मा और देवर भगवती 1 जून 2006 को मायके से ससुराल ले गए थे। बाद में बेबी का भाई रात में जब घर पहुंचा तो बेबी का शव फांसी के फंदे से लटक रहा था, जबकि उसके कमरे का ताला बाहर से लगा हुआ था। यह देख भाई श्रीनिवास अपनी बहन और मां के साथ डबरा थाने पहुंचा और दिनेश शर्मा और भगवती शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। खास बात यह है कि दोनों भाई घर से गायब थे। पुलिस ने 27 जून 2006 को दोनों को गिरफ्तार कर लिया। 4 साल जेल में रहने के बाद भगवती की जमानत हाईकोर्ट से हो गई। लेकिन पति दिनेश शर्मा 27 जून 2006 से ही जेल में बंद था। निचली कोर्ट ने दोनों भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

गवाहों व अधूरी जांच के अभाव का लाभ मिला आरोपी को

हाई कोर्ट में आरोपियों की ओर से क्रिमिनल रिवीजन पेश की गई चूंकि आरोपियों के पास कोई वकील नहीं था, इसलिए विधिक सहायता की मदद से एक वकील को कोर्ट ने पैरवी के लिए उपलब्ध कराया। जांच करने पर अधिवक्ता ने पाया कि बेबी के 7 साल के बेटे गजेंद्र और दोनों भाइयों को बेबी के साथ देखने वाली पुनिया बाई का बयान पुलिस ने खुद तो दर्ज किया, लेकिन उन्हें कोर्ट में पेश नहीं किया घया था। जबकि यह महत्वपूर्ण गवाह साबित हो सकता था। इसी तरह फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की गई। पुलिस की ओर से गवाह नगर रक्षा समिति के सदस्य ने भी विरोधाभासी बयान दिया। इसका लाभ आरोपियों को मिला और हाईकोर्ट ने दिनेश और उसके भाई को हत्या कांड से दोष मुक्त कर दिया। हालांकि आज भी यह सवाल बरकरार है कि बेबी की हत्या हुई थी, तो उसकी हत्या किसने और क्यों की। यह आज भी रहस्य बना हुआ है। अधिवक्ता का कहना है कि पुलिस विवेचना गंभीरता से करती तो असली आरोपियों तक पहुंचा जा सकता था। वहीं पति ने निर्दोष होने के बावजूद 13 साल जेल में गुजारी उसका खामियाजा आखिर कौन देगा।