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अलिराजपुरः प्रतिभा ने बनाई अपनी पहचान, दी अपने हौसले को पंख 

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Mar 22, 2019

रामेश्वर योगी- कहते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। अगर कोई अपना लक्ष्य तय करले तो उसे फिर कोई नहीं रोक सकता। अपने हौसलों की उड़ान को सफलता के शिखर पर पहुंचाया है जोबट की एक सामान्य परिवार की छात्रा ने, जो आज मध्यप्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण व पिछड़ा वर्ग आयोग की असिस्टेंट डायरेक्टर है। आखिर कौन है ये ओर कैसे इन्होंने अपने सपने को दिखाई एक नई उड़ान।

यह है भारत का सबसे गरीब व  शिक्षा  साक्षरता का सबसे पिछड़ा हुआ जिला अलिराजपुर, जहां साक्षरता दर भारत में सबसे कम है। इसी जिले की जोबट  कस्बे की सामान्य परिवार में रहने वाली इतिशा जैन, जिन्होंने अपने सपने को अपनी मंजिल बना लिया। इन्होंने जिद कर ली कि इस जिले से पढ़कर कुछ बनकर इस जिले का नाम रोशन करेंगी। दिन रात अपनी जिद पूरी करने के लिए लगा दी, खूब मेहनत की।

आईएएस बनकर देश के लिए कुछ करने का सपना है

दरअसल इतिशा ने अपनी पढ़ाई जोबट के कन्या शिक्षा स्कूल से की जहां पढ़ाई सीमित साधनों में 10वीं व 12वीं जिले में टॉपर रहकर पहले जोबट का नाम रोशन किया। फिर मन में लगन थी कि आईएएस अधिकारी बनकर देश के लिए कुछ करना है, जिसके लिए वर्ष 2015 में यूपीएससी की परीक्षा दी। जिसमें सामान्य वर्ग की होने की वजह से मात्र 15 नंबर से इतिशा आईएएस बनने से रह गईं, लेकिन हौसले बुलंद थे। फिर यूपीएससी की तैय्यारी की, लेकिन फिर आरक्षण के रोड़े ने 2016 में मात्र 1 नंबर ने आईएएस अफसर बनने से रोक दिया। इतिशा ने फिर भी हार नहीं मानी और एमपीपीएससी की परीक्षा दी। पहली बार में ही मध्यप्रदेश की इस परीक्षा को पास कर वर्तमान में  अल्पसंख्यक कल्याण एवं पिछड़ा वर्ग आयोग की असिस्टेंट डायरेक्टर बन गई। इतिशा का अब भी मानना है कि यह तो आईएएस बनने के लिए एक पड़ाव को पार किया है, जल्द ही आईएएस बनकर देश के लिए कुछ करना चाहूंगी।