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ग्वालियर में अवैध हथियारों का बोलबाला, आचार संहिता के बावजूद अवैध हथियारों पर नहीं लग रहा अंकुश

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Mar 31, 2019

सुनील वर्मा : मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगे होने के बावजूद भी ग्वालियर के जिलेभर में अवैध हथियारों का अभी भी बोलबाला है। क्योंकि बदमाश अभी भी वारदातों को अंजाम देने में अवैध हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन अवैध हथियारों से वारदातों को अंजाम देने के मामले में पुलिस इन अवैध हथियारो पर अंकुश लगाने में बौनी साबित हो रही है।

अवैध हथियारों का कारोबार लगातार बढ़ा

दरअसल लोकसभा चुनाव में आचार संहिता के दौरान भी अवैध हथियारों का खुलेआम उपयोग किया जाता है। इसका खुलासा पिछली विधानसभा के दौरान पकड़े गए 400 से अधिक अवैध हथियारों से हो चुका है। वर्तमान में लगी आचार संहिता लागू होने के बावजूद भी कई वारदातों में अवैध हथियारों का उपयोग किए जाने के मामले सामने आ चुके हैं। पुलिस के द्वारा की जा रही कार्रवाई के दौरान भी अवैध हथियार जप्त किए जा रहे हैं। जिससे जाहिर होता है कि ग्वालियर जिले में अवैध हथियारो कारोबार बढ़ता जा रहा है

ग्वालियर में 29 हजार लाइसेंसी हथियार 

वही चुनाव के आते ही आचार संहिता के दौरान पुलिस के द्वारा लाइसेंसी हथियारों को थानों में जमा करा लिया जाता है। ऐसे में अवैध हथियारों की डिमांड बढ़ जाती है। इन अवैध हथियारों का उपयोग चुनाव के दौरान जमकर किया जाता है। इसका अंदाजा लाइसेंसी हथियार और अवैध हथियारो की संख्या से लगाया जा सकता है। ग्वालियर जिले भर में 29 हजार लाइसेंसी हथियार हैं। जबकि इन से अधिक अवैध हथियार है। इनका उपयोग बदमाशों के द्वारा वारदातों में किया जाता है। गन कल्चर लोगों के लिए स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है। इसी वजह से अब हर कोई हथियार रखना चाहता है और अवैध हथियार आसानी से मिल जाते हैं। शहर में अवैध हथियार भिंड मुरैना जिले के अलावा अन्य जिलों से आते हैं इन अवैध हथियारों को एजेंटों और तस्करी करने वाले बदमाशों से मंगवाए जाते हैं। अवैध हथियारों को लेने के लिए रसूखदारो द्वारा एजेंटों को मनमाना पैसा चुकाया जाता है। जिसके कारण जिलेभर में अवैध हथियारों का बोलबाला है।

32 बोर की अवैध 10 पिस्टल चार जिंदा कारतूस बरामद

बता दें कि 14 फरवरी को क्राइम ब्रांच पुलिस ने गार्डर वाली पुलिया के पास से संदीप शर्मा नाम के एक आरोपी को पकड़ा था जिसके कब्जे से 32 बोर की अवैध 10 पिस्टल चार जिंदा कारतूस बरामद किए थे। वही एक बार फिर से 23 मार्च को रोडवेज बस स्टैंड के पास से देवेंद्र सिंह जादौन नाम के एक आरोपी को पकड़ा था जिसके पास से 10 अवैध पिस्टल 6 मैगजीन और 6 जिंदा राउंड बरामद किए थे। इससे पूर्व भी पुलिस इस बदमाशों से 2014 में 21 अवैध पिस्टल और 47 जिंदा कारतूस बरामद किए थे। लेकिन पुलिस अभी तक पकड़े गए बदमाशों से हथियार तो बरामद कर लेती है लेकिन इनके जो अवैध हथियारों का धंधा करने वाले मुख्य आरोपियो तक नहीं पहुंच पाती है जिसके चलते अवैध हथियारों का धंधा जोरों पर है।

 आंकड़ों की बात करे 

:- 29 हजार के करीब लाइसेंसी हथियार जिलेभर में है।

:- 50 हजार से अधिक अवैध हथियार है।

:- 1400 व्हीआईपी लाइसेंसी हथियार है।

:-230 फायर आर्म्स जब हुए थे विधानसभा चुनाव में।

:-221 धारदार हथियार जप्त हुए थे विधानसभा चुनाव में।

:-7 लाख से अधिक कारतूसो की खपत जिलेभर में।


पंकज पांडे-एएसपी, क्राइम ब्रांच, ग्वालियर के मुताबिक

आचार संहिता लागू होने के बावजूद भी कई वारदातों में अवैध हथियारों का उपयोग किए जाने के मामले सामने आ चुके हैं। पुलिस के द्वारा की जा रही कार्रवाई के दौरान भी अवैध हथियार जप्त किए जा रहे हैं। क्राइम ब्रांच पुलिस ने गार्डर वाली पुलिया के पास से संदीप शर्मा नाम के एक आरोपी को पकड़ा था जिसके कब्जे से 32 बोर की अवैध 10 पिस्टल चार जिंदा कारतूस बरामद किए थे। वही एक बार फिर से 23 मार्च को रोडवेज बस स्टैंड के पास से देवेंद्र सिंह जादौन नाम के एक आरोपी को पकड़ा था जिसके पास से 10 अवैध पिस्टल 6 मैगजीन और 6 जिंदा राउंड बरामद किए थे और अवैध हथियारो को लेकर कार्रवाई की जा रही है।

संतोष गुड़ियाले स्थानीय निवासी के मुताबिक
आचार संहिता लगी है, उसके बावजूद भी शहर में घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। लूटपाट हत्या हो रही है। यहां सब अवैध हथियारों से चल रहा है। पुलिस छोटी-मोटी कार्रवाई कर पल्ला झाड़ लेती है और उनके आकाओं को नहीं पकड़ पाती है।