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आयुर्वेदिक इलाज की तरफ बढ रहे लोग, 2 साल में ओपीडी में हुआ 10 फ़ीसदी इजाफा

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Aug 23, 2018

धर्मेन्द्र शर्मा - ग्वालियर चंबल अंचल का सबसे बड़ा आयुर्वेदिक चिकित्सालय कंपू के आमखो  इलाके में स्थित इस चिकित्सालय में करीब एक दशक पहले मरीजों को ढूंढना पड़ता था लेकिन अब यहां एलोपैथिक यानी आधुनिक चिकित्सा पद्धति के अनुरूप ही मरीजों की भीड़ लगने लगी है मामूली बीमारी से लेकर असाध्य बीमारी तक के आयुर्वेद में उपचार के विकल्प देखते हुए मरीजों का रुझान इस ओर हुआ है अपने 7 साल के बेटे को लेकर अस्पताल आई अंजुम खान के बेटे अफजल को खड़ा होने में भी समस्या है बचपन से ही उसे पैर से दिमाग तक रक्त संचार करने वाली नर्व खराब है वो दुनिया भर में इसका इलाज खोजते-खोजते अपना समय और पैसा दोनों बर्बाद कर चुकी है लेकिन आयुर्वेदिक अस्पताल में दिखाने के बाद उन्हें उम्मीद की किरण दिखी है।

ओपीडी में आ रहे 400 तक लोग

अस्पताल प्रबंधन का मानना है, कि यहां मरीजों की संख्या में पिछले कुछ सालों में आश्चर्यजनक रूप से इजाफा हुआ है पहले जो मरीज 30 से 35 की संख्या में ओपीडी में आते थे अब उनकी संख्या लगभग 4 सैकड़ा तक पहुंच चुकी है इसके पीछे वे अस्पताल में सेंट्रल पैथोलॉजी लैब एक्स रे मशीन सहित कम खर्च की दवाओं को कारण बताते हैं

आयुर्वेद दवाओं का नहीं होता साइड इफेक्ट

खास बात यह है कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति यानि एलोपैथिक दवाओं के बढ़ते दुष्प्रभाव और महंगे इलाज ने भी मरीजों का ध्यान आयुर्वेद की तरफ खींचा है आयुर्वेद की सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी दवाओं के कोई साइड इफेक्ट नहीं है और इलाज भी अपेक्षाकृत काफी सस्ता है इसके विपरीत एलोपैथिक में दवाओं से लेकर जांचें बेहद महंगी है और साइड इफेक्ट की भरमार है ऐसे में आम लोग यदि अपनी प्राचीन पद्धति यानी आयुर्वेद की तरफ आकृष्ट होते हैं तो यह संतोषप्रद स्थिति कही जा सकती है।