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87 करोड़ की हेराफेरी में मददगार इंदौर का शुभम हैदराबाद में गिरफ्तार

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Jul 18, 2018

15 करोड़ की मशीन को 102 करोड़ में खरीदकर 87 करोड़ का खेल करने वाले शुभम सचदेव को डायरेक्टर आफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस डीआरआई ने दो साल के इंतजार के बाद आखिरकार हैदराबाद एअरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया दुबई की एसकोर्प कमोडिटी एलएलसी का डायरेक्टर शुभम मुलत: इंदौर का निवासी है जो दुबई जाकर बस गया है उसने अपने चचेरे भाई और इंदौर की मेटलमैन के मालिक विजय सोनी के बेटे नमित सोनी के साथ मिलकर इस खेल को अंजाम दिया था।  

डीआरआई सूत्रों के अनुसार सचदेव की कंपनी एसकोर्प कमोडिटी एलएलसी ने नमित सोनी की नेमको इंडस्ट्रीज को स्वीडन से मशीने खरीदने में मदद की सचदेव ने खरीदी के बाद 102 करोड़ का बिल जारी करवाया बाद में डीआरआई ने जांच की तो पता चला कि मशीन तो सिर्फ 15 करोड़ की ही है इसी बीच सोनी ने लोन लेकर सचदेव की कंपनी को मशीन की कीमत चुका दी इसके बाद सोनी ने बोर्ड फॉर इंडस्ट्रियल एंड फाइनेंशियल रिकंस्ट्रक्शन (बीआईएफआर) से संपर्क कर अपनी फर्म को बीमार घोषित करने की मांग की जिससे  कमिटमेंट्स पूरे करने से बचा जा सके।

बैंक लोन के अलावा उसकी कंपनी के पास निर्यात दायित्व भी था आयात शुल्क सहित 148 करोड़ की मशीन खरीदी के बाद उस पर जो आयात शुल्क लगा उससे छह गुना अधिक निर्यात शुल्क चुकाने का कंपनी ने दावा किया था इसीलिए कंपनी ने बीआईएफआर की शरण ली इंदौर के मनोरमा गंज में जिस मकान में निमिष जैन  रहा करता था वहां की जब  स्वराज एक्सप्रेस ने पड़ताल की तो घर पर  चौकीदार  था और उसका कहना था कि उन्होंने अपना मकान बदल दिया है  और वहां काफी समय से यहां  नही आया है।