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बच्चों को जन्मजात हृदय रोग से बचाने के लिए सरकार कर रही हर संभव प्रयास: सीएम रमन

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Jul 18, 2018

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के बच्चों को जन्मजात हृदय रोग से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए श्री सत्य सांई हेल्थ एण्ड एजुकेशन ट्रस्ट और नया रायपुर स्थित श्री सत्य सांई संजीवनी अस्पताल का भी सहयोग लिया जाएगा। छत्तीसगढ़ को जन्मजात हृदय मुक्त प्रदेश बनाना हम सबका लक्ष्य होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों में हृदय रोग की पहचान और निःशुल्क इलाज के लिए चार वर्ष की कार्य योजना तैयार की जाएगी।

मुख्यमंत्री आज शाम नया रायपुर स्थित श्री सत्य सांई अस्पताल परिसर (सौभाग्यम) के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। डॉ. सिंह ने वहां हृदय रोग पीडित बच्चों की बेहतर देखभाल और पैरामेडिकल स्टाफ तथा चिकित्सों के प्रशिक्षण के लिए निर्मित केन्द्र का लोकार्पण किया। इस केन्द्र का नाम चिरायु छत्तीसगढ सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस इन पेड्रियाट्रिक कार्डिएक केयर एण्ड ट्रेनिंग रखा गया है। केन्द्र में दो अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटरों और एक गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) और एक स्टेपडाउन आईसीयू कक्ष का भी निर्माण किया गया है। चिरायु योजना के अंतर्गत इस ऑपरेशन थिएटर में जन्मजात हृदय रोग से पीडित छत्तीसगढ़ के बच्चों सहित देश-विदेश के बच्चों के भी हृदय रोग के निःशुल्क ऑपरेशन किए जाएंगे। 

मुख्यमंत्री ने बताया कि बच्चों को हृदय रोग से बचाने के लिए प्रदेश भर में उनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए स्वास्थ्य विभाग के पैरामेडिकल स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्री सत्य सांई संजीवनी अस्पताल में सर्जरी के बाद स्वस्थ हो चुके तीन बच्चों जशपुर जिले की 11 माह की डिम्पल पैकरा, रायपुर जिले के तिल्दा विकासखण्ड के ग्राम कोटा की डेढ़ वर्ष की भूमि यादव और करांची (पाकिस्तान) के दो वर्षीय बच्चे राहुल चिलयांगी को स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए आशीर्वाद प्रदान किया।

उन्होंने इस अवसर पर श्री सत्य सांई संजीवनी अस्पताल के पांच वर्ष के प्रतिवेदन और डॉ. हीरा मालिनी शेषाद्री और डॉ. दिव्या शेषाद्री की पुस्तक टूवर्ड्स मार्डन हेल्थ केयर का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने सत्य सांई अस्पताल के अधिकारियों को वहां के लिए आवश्यक ऑपरेशन थिएटरों के निर्माण में सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। डॉ. सिंह ने इस अस्पताल की सेवा भावना की तारीफ करते हुए कहा कि यह एक पवित्र मंदिर के समान है, जिसकी स्थापना के बाद से अब तक लगभग पांच हजार बच्चों को नया जीवन मिला है।