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इंदौर का संस्थापक परिवार एक बार फिर विवादों के घेरे में, न्यायालय ने 420 का प्रकरण किया दर्ज

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Dec 7, 2018

विकास सिंह सोलंकी - प्रदेश की आर्थिक और व्यवसायिक राजधानी इंदौर का संस्थापक परिवार एक बार फिर विवादों में है। परिवार के सदस्य पर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का आरोप लगा है श्रीकांत जमीदार के खिलाफ फरियादी ने न्यायालय की शरण ली थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने 420 का प्रकरण पंजीबद्ध करने के निर्देश जारी किए है। दरअसल इंदौर के रहने वाले अर्पित जैन ने जिला न्यायालय में यह परिवाद दायर किया था।

परिवाद में बताया गया था कि फर्जी और कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर जमीदार परिवार के बड़े बेटे श्रीकांत जमीदार ने वेयरहाउस रोड की जमीन बेचने का सौदा लगभग 85 लाख 95 हजार में किया था। बयाने के तौर पर  लगभग 11 लाख रुपये फरियादी श्रीकांत जमीदार को दे चुके थे फर्जीवाड़े की जानकारी लगने पर फरियादी ने श्रीकांत जमीदार से बयाने की राशि वापस मांगी लेकिन श्रीकांत जमीदार ने बयाने की राशि वापस नहीं की जिस पर फरियादी ने कोर्ट की शरण ली।

परिवादी के वकील के मुताबिक अभियुक्त श्रीकांत जमीदार पर धोखाधड़ी और जालसाजी के अन्य मामले भी विचाराधीन है परिवादी अर्पित जैन द्वारा दायर परिवाद पर संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने श्रीकांत जमीदार के खिलाफ धारा 420, 468, 471 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं। वहीं इस मामले में जमीदार परिवार के छोटे बेटे प्रमथेष जमीदार का कहना है कि श्रीकांत जमीदार ने उनके पिता स्वर्गीय निहाल करण जमीदार के नाम पर दर्ज जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की है। यही नहीं इंदौर के संस्थापक परिवार की प्रतिष्ठा उन्होंने अपनी कूट रचना से धूमिल की है, यही वजह है कि श्रीकांत जमीदार की मां और पूरा परिवार उनके खिलाफ एकजुट है।