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बहुचर्चित कपिल राठौर दोहरे हत्याकांड मामले में कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला

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Jul 25, 2018

अमित निगम - शहर को एक पखवाडे तक कफ्र्यू के साये में ढ़केल देने वाले बहुचर्चित कपिल हत्याकाण्ड का फैसला मंगलवार को हुआ एडीजे तरुण सिंह ने इस मामले पर मंगलवार दोपहर करीब 3.30 बजे अपना फैसला सुनाया फैसले के लिए सुबह ही आरोपियों को उज्जैन भैरवगढ़ जेल से रतलाम न्यायालाय कड़ी सुरक्षा में लाया गया था सुबह से ही पूरा कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील रहा एसपी गौरव तिवारी और एएसपी डॉ. राजेश सहाय, प्रदीप शर्मा, सीएसपी विवेकसिंह सहित तीन थानों के टीआई, पुलिस बल न्यायालय परिसर से लेकर सभी संदिग्ध स्थानों तक लगातार गश्त करते रहे शहर के संवेदनशील इलाकों में भी एतहियातन पुलिस बल की तैनाती सोमवार रात से ही कर दी गई थी जो अभी तक जारी है भारी सुरक्षा के बीच फैसला सुनाया गया तो आरोपियों के साथ कोर्ट परिसर में कुछ के परिजन भी मौजूद थे। 

चार साल पहले हुआ था घटनाक्रम

उल्लेखनीय है कि करीब चार वर्ष पूर्व 27 सितम्बर 2014 को अज्ञात आरोपियों ने नगर निगम में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस नेत्री यास्मीन शैरानी पर फायर किए थे इस घटना के बाद शहर में तनाव व्याप्त हो गया था और शहर बन्द हो गया था इसी दौरान पांच आरोपियों ने मौके का फायदा उठाते हुए रोडवेज बस स्टैण्ड पर पंहुचकर बजरंग दल के कार्यकर्ता कपिल राठौड की दुकान पर हमला कर दिया था इस वारदात में आरोपियों ने कपिल राठौड पर रिवाल्वर से कई फायर किए थे।

कपिल का भी गंभीर रुप से घायल हुआ था

दुकान पर काम करने वाले एक युवक पुखराज के गले पर छूरे से वार किए गए थे कपिल राठौड के छोटे भाई विक्रम राठौड पर भी गोलियां दागी गई थी इस घटना में कपिल और पुखराज की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी जबकि कपिल का भाई विक्रम गंभीर रुप से घायल हो गया था। 

14 दिन लगा था शहर में कर्फ्यू

इस हत्याकाण्ड के बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था पूरे एक महीने तक शहर में कफ्र्यू लगा रहा और आम लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया था पुलिस ने कपिल और पुखराज की हत्या के प्रकरण में कुल नौ आरोपियों को नामजद किया था इनमें से आठ आरोपी गिरफ्तार हो चुके है जबकि एक आरोपी मुतल्लिफ अब तक फरार है अभियोजन के अनुसारएहत्याकाण्ड के मुख्य आरोपी हैदर पिता इमदाद शैरानी, रिजवान पिता रमजानी शैरानी, मुसैफ उर्फ कप्तान पिता इरफ शैरानी, नासिर उर्फ निसार अली पिता निजाम अली ने इस हत्याकाण्ड को अंजाम दिया।