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स्वच्छ भारत अभियान की उड़ रही धज्जियां, जिम्मेदार अधिकारी सो रहे कुम्भकर्णी नींद

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Sep 19, 2018

अंकित तिवारी - जब सरपंच और सचिव मिलीभगत से घटिया निर्माण करके शौचालय बनवाएं और किसी में छत ना हो, किसी मे दीवार न हो, किसी मे टैंक ही न बना हो और किसी सौचालय में शीट ही न हो तो वह शौचालय कितने कामगार साबित होंगे आप अंदाजा लगा सकते है। ऐसा ही एक मामला बाड़ी तहसील के गोरखपुर में देखने को मिला जब गांव के सरपंच और सचिव ने ग्रामीणों के खाते से 12 हजार रुपये की राशि सौचालय बनवाने के नाम से ग्रामीणों के खाते से निकलवा लिए मगर उनको शौचालय के नाम पर किसी को दीवार दी, तो किसी को सिर्फ सीट दी, तो किसी को चादर दी, हैरत वाली बात तो यह होती है कि कैसे इस पैसे को निकाल लिया गया और जिम्मेदार अधिकारी अपनी नाक के नीचे ऐसा होता देखते रहे है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने स्वच्छ भारत अभियान को किस तरह से पलीता लगाया जा रहा है इसकी बानगी हमें बाड़ी जनपद के ग्राम पंचायत गोरखपुर में देखने को मिली है हम आपको बता दें कि ग्राम पंचायत गोरखपुर में सरपंच सचिव द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है टूटे-फूटे शौचालय बनाकर ग्रामीणों के खाते में से पैसे निकलवा कर सरपंच और सचिव द्वारा हड़प कर लिए गए हैं।

जबकि शौचालय के नाम पर खाली एक कोठरी बना दी गई है और कई शौचालयों की दीवारें टूट गई और सीटें अंदर घुस गई है शौचालय देखकर ऐसा होता है कि सिर्फ एक नाम के लिए ही शौचालय बनाए गए बाकी हितग्राहियों के खाते में से पैसे निकालकर सरपंच और सचिव डकार गए इस कारण से ग्रामीण शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं और शौच के लिए बाहर जाने के लिए मजबूर हैं।