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सनावदः शासकीय अस्पताल में उपचार के लिए मशीन उपलब्ध मगर ऑपरेटरों का अभाव

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Nov 20, 2019

भूपेंद्र सेन - खरगोन जिले के सनावद शासकीय अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन भी उपलब्ध है लेकिन मशीन को ऑपरेट करने वाले आपरेटर के अभाव में सोनोग्राफी मशीन बंन्द कमरे में रखी हुई है। जिसके कारण मरीजों को अन्य निजी जगह जाकर महंगी सोनोग्राफी करवाना पड़ रही है ।अब देंखने वाली बात यह होगी कि शासकीय अस्पताल में मशीनों की सुविधा होने के बावजूद उन मशीनों को ऑपरेट करने वालों की नियुक्ति प्रशासन कितनी जल्द करती है।

ब्लड स्टोरेज के अभाव में महिला और बच्चों को रक्त हेतु जिला अस्पताल करना पड़ता है रेफर

शासकीय अस्पताल में ब्लड स्टोरेज सुविधा के अभाव में विगत कई माह से गर्भवती महिलाओं को ऑपरेशन के दौरान ब्लड सुविधा नहीं होने से जिला अस्पताल भेजना डॉक्टरों की मजबूरी बन चुकी है। जबकि इस व्यवस्था को संचालित करने के लिए 23 जुलाई 2019 को स्थानीय नेताओं और आम जनता के समक्ष शासकीय अस्पताल सनावद में ब्लड स्टोरेज मशीन को संचालीत करने के उद्देश्य से शुभारम्भ किया था। इस दौरान करीब 26 लोगों ने ब्लड स्टोरेज सुविधा का लाभ भी लिया था। जिसके बाद ब्लड स्टोरेज सुविधा को संचालीत करने वाले ट्रेनर डॉ जितेंद पाटीदार का अन्य क्षेत्र में स्थांतरण होने से आम जनता को मिलने वाली इस सुविधा से क्षेत्रीय जनता परेशानी का सामना कर रहे है। ब्लड स्टोरेज को संचालीत करने वाले ट्रेनर के नहीं होने से मशीनें कमरे में धूल खा रही हैं। जबकि इस मामले में महिला चिकित्सक डॉक्टर हंसा पाटीदार का कहना है कि शासकीय अस्पताल में प्रतिदिन 8 से 10 डिलेवरी होती है। डिलेवरी के पूर्व महिलाओं में ब्लड की कमी होने से डिलेवरी के लिए जिला अस्पताल खरगोन रैफर करना पड़ता है।

अस्पताल में ओपीडी अनुसार डाक्टरों की है कमी

आपको बतादे की सनावद शासकीय अस्पताल करीब 40 बिस्तरीय अस्पताल होने के साथ ही यहा प्रतिदिन 300 से अधिक ओपीडी होती है। जिनके उपचार करने के लिए चार डाक्टरों का स्टाफ पदस्थ है। जिसमें एक मेडिकल ऑफिसर अमर सिंह चौहान, महिला चिकित्सक डॉ हंसा पाटीदार, दंत स्पेसलिट्स बी.एस. चौहान एवं शिशु रोग विशेषज्ञ वीरेंद्र मंडलोई है। जबकि ओपीडी अनुसार महिला पुरुष की अधिक संख्या होने से डॉक्टर अमर सिंह चौहान को समस्त मरीजों का उपचार करना पड़ रहा है। वहीं हंसा पाटीदार ने बताया कि मेरे द्वारा 24 घण्टे की ड्यूटी के दौरान दूसरे दिन ऑफ होने के बावजूद मुझे ड्यूटी पर आना मजबूरी बन चुकी है। यदि वरिष्ठ अधिकारी सनावद शासकीय अस्पताल में  अतिरिक्त डॉक्टरों की नियुक्ति करते हैं तो अन्य पदस्थ डाक्टरों को भी रेस्ट का समय उपलब्ध हो सकेगा।