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पुलिस बल की कमी से जूझते तराई अंचल के थाने, कैसे लगे अपराध पर अंकुश?

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Feb 23, 2019

पंकज मिश्रा - कभी डकैतों की दहशत से थर्राने वाले तराई अंचल के थानों में जहां पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध कराया जाता था वहीं एस ए एफ की कम्पनियां तैनात होती थी जिसकी वजह से डकैतों पर तो अंकुश लगा ही था वहीं किसी भी तरह के अपराध करने से अपराधी थर्राते थे जिससे उत्तर प्रदेश का सीमायी क्षेत्र होने के बावजूद भी अपराधों पर आंकुश लग गया था परंतु वर्तमान में तराई अंचल के सभी थाने कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं।

अपराध और अपराध की बदल रही प्रवृत्ति

मादक पदार्थों का अवैध व्यवसाय बढा है जिससे अपराध की संख्या भी दिनों दिन बढ़ती जा रही है परंतु पुलिस विभाग का आला महकमा राजनीतिज्ञों की भाषा में सब ठीक होने का दावा करते रहते हैं जबकि थानो में पदस्थ थानेदार विवेचकों की कमी के चलते गंभीर अपराधों को छोंड़ शिकायतें पंजीबद्ध नही कराते ऐसे में असमाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ता है और आम नागरिकों कमजोरों का जीवन यापन कठिन हो रहा है।

थानों की स्थिति एक नजर में

- तराई अंचल के मुख्यालय जवा के थाने में टी आई का पद है जो खाली पडा़ है एसआई 1 पद जो वर्तमान में थाना प्रभारी की कमान संभाल रहे है़।

- एएसआई के 5 पद है़ जिनमें  1 मौजूद

- प्रधान आरक्षक के स्वीकृत 6 पद जिनमें 2 प्रधान आरक्षक  मौजूद

- आरक्षक के 17 पद जिसमें 13  आरक्षक मौजूद

- अतरैला थाने व्  उसके अधीनस्थ पटेहरा चौकी में पदस्थ एसआई 1 पद थाना प्रभारी मौजूद

- एएसआई 3 पद की स्थापना कोई एएसआई नही

- प्रधान आरक्षक 6 पद है लेकिन 4 मौजूद

- आरक्षक 22 पद लेकिन सिर्फ 7 लोग मौजूद

- डभौरा मे एसआई 1 पद  थाना प्रभारी मौजूद

- एएसआई 3 पद में से 2 मौजूद

- प्रधान आरक्षक 5 पद में 2 की तैनाती, आरक्षक 12 पद 7 आरक्षक मौजूद

- इसी तरह पनवार में थाने  व उसके अधीनस्थ चौकी में  बल की कमी गुहार लगाती है पनवार थाने में एसआई प्रभारी  मौजूद

- एएसआई 3 पद में 1 मौजूद, प्रधान आरक्षक 5 पद स्थापना 2 लोग मौजूद

- आरक्षक 11 पद स्थापना 6 आरक्षक मौजूद एवं 1 महिला पुलिस

- हड़हाई चौकी में  एस आई  1 पद की प्रधान आरक्षक की 2 पद आरक्षक 6 पद की स्वीकृति लेकिन कोई मौजूद नही

कैसे लगेगा अवैध कृत्यों और अपराधों पर अंकुश?

यही हाल वीरपुर चौकी की है जहां पर एस आई 1 पद प्रधान आरक्षक 2 पद आरक्षक 6 पद लेकिन फिलहाल कोई मौजूद नही तराई अंचल के थाने जो जंगलों और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे हैं इसके बावजूद बल की कमी शासन प्रशासन के आंतरिक सुरक्षा के प्रति गैर जिम्मेदाराना रुख को रेखांकित करता है जब पर्याप्त पुलिस बल ही नहीं तो कैसे लगेगा अवैध कृत्यों और अपराधों पर अंकुश।