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मण्डलाः नक्सलियों की दहशत से फेन अभ्यारण्य में पर्यटकों की कमी

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Jun 19, 2019

अमित चौरसिया- 31 मई की रात को मंडला के मोतीनाला वन परिक्षेत्र के नेवसा में तेंदुपत्ता फड़ को आग के हवाले करने के साथ कुछ परर्चे से यह साफ हो गया है कि नक्सलीयों ने अपनी घुसपैठ बढ़ा दी है। इतना ही नहीं, परर्चे में जिस केबी डीवीजन का जिक्र हो रहा है वह कवर्धा बालाघाट या कान्हा भोरमदेह के नाम से जाना जाता है। जो प्रदेश के तीन जिलों बालाघाट, मंडला और डिंडौरी में अपना मजबूत ठिकाना बनाने के लिए गतिविधि तेज कर रहा है। मंडला नक्सलियों का पहले से ही शरणस्थली बन चुका है। यही वजह है कि गत वर्ष मंडला को केन्द्र ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र की सूची में डाला है। नक्सली गतिविधियों के प्रभाव से फेन अभ्यारण में पर्यटकों की आमद कम हो गई।

नक्सलियों के दहशत ग्रामीण परेशान

बताया गया है कि मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ सीमा से लगे मोतीनाला क्षेत्र में इन दिनों नक्सलियों ने दहशत फैला रखी है। थाना से महज आठ किलो मीटर नक्सलियों ने तेंदुपत्ता फड़ को आग लगाकर स्वाहा कर दिया। यहां एक लाल स्याही का परचा लटकावा दिया। इसके अलावा एक और परचा सामने आया है जिसमें नीमपानी नाका के कर्मचारीयों को पुरानी घटना से दहशत में नहीं रहने की बात लिखी गई और दो काम करने को कहा गया। भारत कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी बोड़ला एरिया कमेटी केबी डिविजन के नाम से चार जोड़ी डे्रस, दो जोड़ी और 50 किलो चावल बाजार के घर में छोड़ देने की बात कही गई। इसके अलावा फोर्स वालों से दूर रहने की हिदायत दी गई। इन गतिविधियों से वन कर्मचारियों के साथ ग्रामीणों में दहशत है। वन विभाग के कर्मचारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। वहीं ग्रामीण जिक्र भी नहीं करना चाहते हैं, हालांकि गतिविधियों को लेकर पुलिस व हॉक फोर्स के जवान बिछिया व मोतीनाला क्षेत्र में डेरा डाले है। लगातार सर्चिंग जारी रहने के साथ अलर्ट भी है।

नक्सली गतिविधियों और बड़ी वारदात के बाद फेंन अभ्यारण पर्यटन बंद

कान्हा नेशनल पार्क के बफर जोन में करीब 110.74 वर्ग किलोमीटर तक फैले फेंन अभ्यारण में बाघ तेंदुआ, साभर चीतल हिरण के साथ अन्य वन्यप्राणी हैं। जिसमें प्रबंधन पर्यटन बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। पर्यटकों के लिए व्हीकल के साथ ब्रेकफास्ट और ठहरने की व्यवस्था कर रहा है, लेकिन पिछले दिनों नक्सली गतिविधियों और बड़ी वारदात के बाद अभ्यारण के घुर्री गेट में पर्यटकों की आमद मई और जून में जीरो हो गई। सूत्रों ने बताया है कि प्रशासनिक तौर पर अभ्यारण खुला है लेकिन वहां तैनात वन कर्मी टूरिस्ट वाहनों को अंदर नहीं जाने दे रहे हैं। अप्रैल के बाद यहां सिर्फ एक वाहन प्रवेश किया। इसके बाद से आज दिनांक कोई भी पर्यटक वाहन प्रवेश नहीं हुआ।

पिछले चार सालों से फिर से नक्सली घुसपैठ हुई तेज 

नक्सलियों ने मंडला में पैठ बढ़ाने 90 के दशक में भी प्रयास किए थे, लेकिन कोई बड़ी वारदात नहीं की थी। उस समय एसएएफ की बटालियन तैनात करना पड़ा, जिससे मवई मोतीनाला में इनकी सक्रियता कम हो गई थी, लेकिन पिछले चार सालों से फिर से घुसपैठ तेज हो गई, जिस केबी संगठन का नाम सामने आ रहा है, उसके द्वारा 12 फरवरी 2018 को नीमपानी बीट में वन चौकी में वनकर्मियों को बंधक बनाकर तीन वायरलेस सेट, मोबाइल व कैमरा लूट ले गए थे। एक मार्च को होली की रात को फैन अभ्यारण्य के लतावर दादर के अस्थाई कैंप में आग लगा दी। ये वारदाते सामने आई थी, इसके अलावा विधानसभा चुनाव के दौरान मवई क्षेत्र में मतदान नहीं करने के परर्चे का जिक्र भी सामने आता है।