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ट्रेनों में हो रहा है बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थ का कारोबार

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May 29, 2018

रतलाम रेल मंडल के अंतर्गत एक बार फिर स्वराज एक्सप्रेस के सामने ट्रेनों में नशीले पदार्थों के कारोबार का मामला सामने आया है वह भी ट्रेन के एक जनरल डिब्बे में खुलेआम बेचा जा रहा था तथा महिलाओं एवं बच्चों के बीच लोग उसका सेवन कर रहे थे।

जनता फिरोजपुर एक्सप्रेस में हो रहा कारोबार

हम बात कर रहे हैं जनता फिरोजपुर एक्सप्रेस की जिसमें दाहोद से रतलाम के बीच अनोखा मामला सामने आया है एक महिला के द्वारा ताड़ के पेड़ से निकलने वाली ताड़ी जिसे आदिवासी अंचलों में नशीला पदार्थ माना जाता है खुलेआम बिकता पाया गया और इसका सेवन यात्री बेहिचक करते नजर आए।

ताड़ी का हो रहा है धन्धा

जिस प्रकार से ट्रेन में आवाज लगती है चाय समोसा यह अन्य चीज वैसे ट्रेन में अब आवाज सुनाई देती है ताड़ी ले लो ताड़ी उल्लेखनीय की आदिवासी अंचलों में ताड़ी के पेड़ से सफेद रंग का एक पेय पदार्थ निकाला जाता है जिसे ताड़ी कहते हैं जानकारों की माने तो इस ताड़ी से वैसे तो तत्काल लेने पर कई फायदे हैं परंतु यदि इसी ताड़ी को 2 से 3 घंटे धूप में रख दिया जाए या ऐसे ही रख दिया जाए तो यह एक नशीला मादक पदार्थ बन जाता है।

खुलेआम बेचा जा रहा है यह पदार्थ

जिसका सेवन आदिवासी अंचलों में बहुतायत में होता है परंतु जिस प्रकार से या नशीला पदार्थ खुलेआम ट्रेन में 20 लौटा या 5 से 1 लीटर की केन  में बेचा जा रहा था वह रेलवे की सुरक्षा में कई प्रश्न चिन्ह खड़े करता है महिला द्वारा खुलेआम इस नशीले पेय पदार्थ को यात्रियों को बोतलों में भर भर कर बेचा जा रहा था और यात्री बड़ी बेशर्मी से इस नशीले पदार्थ का सेवन महिलाओं बच्चों बुजुर्गों के बीच कर रहे थे।

इस तरह खुलेआम नशिला पदार्थ बिकना कई प्रश्नचिन्ह करता है  

अब प्रश्न यह उठता है कि इस पर पदार्थ को बेचने की अनुमति रेलवे ने किसकी शह पर दी हालांकि यह प्रदार्थ आदिवासी अंचलों के उपयोग में आने के कारण आबकारी एक्ट में तो नहीं आता परंतु अत्याधिक नशीला होने के कारण आदिवासी क्षेत्रों में बहुत लोकप्रिय और अभी से खुलेआम ट्रेनों में बेचकर लोगों को नशा परोसा जा रहा है और जिम्मेदार मौन हैं ट्रेनों में पान बीड़ी सिगरेट दिखते तो अक्सर देखा जा सकता था परंतु इस प्रकार का नशीला पेय पदार्थ वह भी खुलेआम बिकना कहीं प्रश्नचिन्ह को खड़ा कर रहा है इस संदर्भ में जब रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि यह मामला सीनियर डीसीएम या सेफ्टी कमिश्नर के अंदर आता है मैं इसके बारे में कुछ नहीं बता सकता।