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सोनकच्छः जोखिम में जान, मुसीबत में किसान

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Jul 15, 2019

इकबाल मंसूरी- दो गांव ग्राम पंचायत बेराखेड़ी और ग्राम पंचायत पटाडित ताज के किसान जान जोखिम में डाल कर करते है खेती। दरअसल हम बात कर रहे हैं मध्यप्रेदश की सोनकच्छ तहसील के ग्राम बेराखेड़ी की। जहाँ पर किसान अपनी जान जोखिम में डाल कर अपने खेत पर जाने के लिए नदी पार करने को मजबूर होते हैं। किसान रस्सी के सहारे नदी पार कर खेती कर रहे हैं। साथ ही महिलायें व बच्चे भी जुगाड़ की रस्सी के सहारे अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं। ऐसे में अगर किसी की जान पर बन आये तो भला इसका जिमेदार कौन होगा..? बड़ा सवाल यही खड़ा हो रहा है। हालांकि ग्रामीणों की माने तो सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के समय ही आती है। बारिश ज्यादा होने से नदी में पानी ज्यादा रहता है, जिससे गांव से दूर नदी पार किसानों के खेतों पर जाने वाला रास्ता बंद हो जाता है। जिससे किसानों को अपने खेत तक जाने में अपनी जान को खतरे में डालना पड़ता है, लेकिन किसानों की समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है।

जन प्रतिनिधियों से लिखित और मौखिक शिकायत के बाद भी समस्या ज्यूं की त्यूं

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार लिखित और मौखिक शिकायत क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों से की है, लेकिन आज तक इस समस्या से निजात नहीं मिली। न तो खेत तक जाने के लिए सड़क बनी है और न ही पुलिया है। अपनी जान जोखिम में डालकर किसान खेती करने के लिए रस्सी के सहारे करते है नदी पार। महिला व बच्चे भी जान जोखिम में डाल रस्सी से करते है नदी पार। न ही खेत तक जाने के लिए दूर-दूर तक कोई रास्ता, 100 मीटर के आगे यह नदी क्षेत्र की सबसे बड़ी कालीसिंध नदी में जाकर मिलती है। किसान अपने खेत तक जाने के लिए रोजाना इसी प्रकार मौत को हथेली में लेकर, तार और रस्सी के माध्यम से निकलते हैं। ऐसे में कल को कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।