Nov 21, 2016
इंदौर। उत्तरप्रदेश के कानपुर में रविवार को हुए इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में मध्यप्रदेश के 22 यात्रियों के मरने की खबर मिली है। इनमें सबसे ज्यादा इंदौर के 15 यात्री थे। इंदौर के ही 59 यात्री घायल जबकि 65 लापता हैं। इन आंकड़ों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इंदौर से चलने वाली ट्रेनों में यह सबसे बड़ा हादसा है। करीब 15 साल पहले फरीदाबाद स्टेशन के पास खड़ी हुई इंदौर-निजामुद्दीन एक्सप्रेस को गाेवा एक्सप्रेस ने टक्कर मार दी थी। तब कुछ यात्री घायल हुए थे। चूंकि ट्रेन शनिवार को इंदौर से 1266 यात्रियों को लेकर रवाना हुई थी। इसलिए हादसे की जानकारी मिलते ही रेलवे स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई।
रेलवे अधिकारी सुबह साढ़े चार बजे ड्यूटी पर पहुंच गए। पांच बजे तक हेल्प डेस्क भी शुरू हो गई। कुछ ही देर में इंदौर रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया। वहीं, यात्रियों के परिजन और परिचित सुबह साढ़े पांच बजे से स्टेशन पहुंचकर पूछताछ करने लगे। इस दौरान कुछ लोगों ने हंगामा भी किया। उनके साथ पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान से जुड़े पदाधिकारी और सदस्य थे। सभी का कहना था कि रेलवे यात्रियों के परिजनों को स्पेशल ट्रेन के जरिये तुरंत घटना स्थल तक भेजे। अफसरों की समझाइश के बाद वे माने।
सिर से खून बह रहा था, लेकिन फिक्र बेटे की
मैं बोगी नंबर एस-9 में सबसे ऊपर वाली सीट पर सो रही थी। रात करीब सवा तीन बजे झटका लगा। मैं गिरते-गिरते बची। सभी यात्री बाहर निकले। काफी अंधेरा था। कुछ आगे बढ़े तो पता चला कि चारों तरफ चीख-पुकार मची है। मैंने चार मिनट में ही पापा को कॉल कर घटना की जानकारी दे दी। मोबाइल की लाइट ऑन कर देखा तो खून से सनी लाशें दिखीं। एक व्यक्ति जिसके सिर से खून बह रहा था, वह कराहते हुए कह रहा था कि मेरा बेटा कहां है? किसी ने देखा उसे? कुछ हुआ तो नहीं? आंखों में आंसू आ गए। फिर मैं कुछ महिलाओं और लोगों के साथ रोड पर पहुंची। वहां स्थानीय लोगों को बताया। वे मदद के लिए आए। वे घर से बिस्किट भी लाए, जो हमने घायलों को दिए।
दौड़ते-हांफते पहुंचे परिजन
नेहरू नगर गली नंबर 9 निवासी नीतेश शुक्ला बदहवास हालत में रेलवे स्टेशन पहुंचे। हांफते हुए नीतेश ने हेल्प डेस्क पर अफसरों से कहा कि मेरे पिता सरवन कुमार शुक्ला, मां रेखाबाई, बहन दीक्षा, बुआ पुष्पा और फूफाजी उमेश ट्रेन से अकबरपुर जा रहे थे। उनके माेबाइल पर कॉल नहीं लग रहा है। कुछ ही देर में रेलवे कंट्रोल रूम के अधिकारियों ने हेल्पलाइन नंबरों से उनके परिवार की जानकारी ली। बताया कि वे सुरक्षित हैं। नीतेश ने बताया पिता गीता भवन मंदिर में पुजारी हैं। हादसे में फूफा उमेश को चोट आई है।
पिता का माेबाइल नहीं लग रहा, प्लीज उनसे बात करवा दो
सुनील प्रजापति पिता श्याम बिहारी का पासपोर्ट फोटो लेकर पहुंचे। अफसरों से बोले कि पिता प्राइवेट अस्पताल में गार्ड हैं। वे पटना में मामा के लड़के की शादी में शामिल होने के लिए ट्रेन से गए थे। वे मोबाइल पर कॉल रिसीव नहीं कर रहे हैं। प्लीज, उनसे बात करवा दीजिए। रेलवे अधिकारियों ने हेल्पलाइन नंबरों से उनका पता निकालकर बताया कि वे घायल हैं। महू के कमांडेंट एसके मिश्रा की जानकारी लेने के लिए परिचित रमन तिवारी भी स्टेशन पहुंचे। हालांकि मिश्रा का पता नहीं चला। वहीं, राजाराम बौरासी ने बताया कि साले की पत्नी कुस्मा देवी और बेटा अनीश ट्रेन में थे। उनका पता नहीं चला है। दोनों कुशवाह नगर में मुंडन के कार्यक्रम में शामिल होने आए थे।
कॉल कर बताया- परिवार सहित घायल हालत में खेत में बैठे हैं
महू निवासी सुरेंद्रनाथ झा और उनकी पत्नी निभा (46) के परिचित हेमंत झा भी स्टेशन पहुंचे। उन्होंने बताया कि रात सवा तीन बजे झा का फोन आया कि ट्रेन हादसा हुआ है। हम घायल हालत में खेत में बैठे हैं। हेमंत ने बताया सुरेंद्रनाथ के साथ रिश्तेदार अनिल झा और उनकी पत्नी रूपम भी थीं। उनका कुछ पता नहीं चला है।
परिजनों के सुरक्षित होने की