Jul 13, 2019
आकिब खान- कहते हैं कि कुछ करने का जज्बा हो तो हर राह आसान हो जाती है, बस इरादों में दम होना चाहिए। फिर आपकी कमजोरी भी आपकी ताकत बन जाती है। आपके हौसलों के आगे हर मुश्किल राह आसान हो जाती है। कुछ ऐसा ही जुनून दमोह जिले के हटा में रहने वाले राज बाबू में भी देखने मिले। जहां राज बाबू ने कबाड़ के कचरे से तैयार की है ईंधन बनाने वाली मशीन जो किसानों और गौ शालाओं के लिये काफी काम की है। इस मशीन के उपयोग से किसानों की आये दुगनी भी होगी।
स्क्रू ड्राइवर मशीन से तैयार होगी ईंट और गोबर की लकड़ी
दरअसल राजबाबू पेशे से मेकेनिक हैं लेकिन इन्होंने कुछ अलग करने का ठाना है। इनका रुझान देशी तकनीक के सहारे मशीने तैयार करना है। ऐसी मशीनें जिनकी लागत भी बहुत कम हो और जो किसानों के काम आसानी से आ सके। राज बाबू ने इस मशीन का नाम स्क्रू ड्राइवर मशीन रखा है। इस मशीन से ईंट गोबर से बनी लकड़ी निकलती हैं, जो इंसान के पार्थिव शरीर के लिये दाह संस्कार में भी इस्तेमाल की जाती है। इस विशेष प्रकार की मशीन में गाय का गोबर और खेतों में इस्तेमाल होने वाले जलाऊ चीजों को डालने के बाद ईंट नुमा आकर निकलता हैं, जिसे मकानों में भी लगाया जा सकता है और इस मशीन से गोबर की लकड़ी बनकर तैयार होगी जिससे कम से कम पेड़ और पर्यावरण बचाने का एक नया रास्ता बन रहा है। गाय के गोबर से बनी लकड़ी पर्यावरण और मृत जीव के लिये सबसे शुद्ध है। इस मशीन से निकलने वाली लकड़ी को श्मशान के लिये बेचा जा सकता है।
किसानों की माली हालत को देखते हुए मशीने बनाते हैं राज बाबू
तकनीक की तेज रफ़्तार दुनिया में जिस तरह से देशी तकनीक के जरिये ईंधन बनाने का नया इस्तेमाल सामने आया है जिसे लगातार शोहरत मिल रही है। राज बाबू इस मशीन से सूखे पत्ते, टहनियां, गोबर और फसलों के डंठल को कंप्रेस करके उनका ब्रिक्स बनाते हैं और उसका उपयोग ईधन के रूप में करते हैं। किसानों की माली हालत को देखते हुए राज बाबू ने यह मशीन तैयार की है। कम समय में लोगों के बीच पहचान बनाने वाले राजू इस मशीन का डेमो बेटरनरी विभाग के अधिकारियों को भी दिखा चुके हैं ताकि गौशालाओं में इसे लगाया जा सके। वे अब अपना मॉडल मुख्यमंत्री कमलनाथ को दिखाना चाहते हैं। मशीन में कोई भी पार्ट्स ऐसा नहीं जो बाहर से बुलाया हो। सारी सामग्री उन्हें आसानी से बाजार और कबाड़ में मिल गई है। वे अब अपनी मशीन का पेटेंट कराने अब अधिकारियों के संपर्क में हैं।