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चित्रकूटः कुपोषित व अंधत्व की समस्या से जूझ रहे गाँव के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण

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Jan 28, 2020

रामनरेश श्रीवास्तव - चित्रकूट के मझगवां  में स्वराज एक्सप्रेस की खबर का बड़ा असर हुआ है।  पटनी पंचायत के कानपुर गांव में अंधत्व की समस्या से जूझ रहे 4 बच्चों की ख़बर सिर्फ स्वराज एक्सप्रेस ने चलाई थीं।  ख़बर चलते ही जिला प्रशासन सतना के अधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लिया और आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम को लेकर सतना सीएमएचओ अशोक अवधिया खुद कानपुर गाँव पहुंचे। जहाँ कुपोषित व अंधत्व की समस्या से जूझ रहे गाँव के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया और अंधत्व के शिकार 4 बच्चों को तत्काल सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय में इलाज हेतु भर्ती करा दिया है।  अब उन ब्च्चों की आंखों की जांच और इलाज सुप्रसिद्ध सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय चित्रकूट में होगा।

जनजातियों के ज्यादातर बच्चे कुपोषण जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे

आपको बता दें कि मझगवां के आदिवासी गाँवों में निवासरत जनजातियों के ज्यादातर बच्चे कुपोषण जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। कानपुर गाँव में राजकुमार के 3 बच्चे विष्णु, आशीष और शिवम तथा गांव के ही रघुनाथ का बेटा प्रवीण अंधता के शिकार हो गए हैं जो इस दुनियॉ को देख भी नहीं पा रहे और मानसिक विकृति के भी शिकार होते जा रहे हैं। गौरतलब है कि इसके पहले राजकुमार की एक बेटी संगीता की भी गंभीर कुपोषण से मौत हो चुकी है, जबकि राजकुमार के भाई राजबहादुर के भी 2 बच्चे पंकज और रिंकी भी अंधत्व की बीमारी से ग्रसित होकर मौत को गले लगा चुके हैं।  

आदिवासी आज भी विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर

ज्ञात हो कि सरकार इन आदिवासियों के विकास के लिए भले ही तमाम योजनाओं के नाम पर पानी की  तरह धन क्यों न बहा रही हो मगर ये आदिवासी आज भी विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर हैं। अशिक्षा, बेकारी, गरीबी और हीनभावना से ग्रसित हैं। ये लोग आज भी जंगल से लकड़ी काटकर बाजार में बेचते हैं, तब परिवार का पेट पलता है। ये आज भी नहीं जानते कि रोजगार गाटण्टी स्कीम क्या है? ये तो सिर्फ नेताओं को वोट देना जानते हैं और नेता वोट लेने के बाद फिर इनकी तरफ मुड़कर भी नहीं देखते।