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बसंत पंचमी, बुद्धि और विद्या का देती है मां सरस्वती वरदान

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Jan 28, 2020

30 जनवरी 2020 को विद्या की देवी मां सरस्वती को समर्पित बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाने वाला है। ऐसे में हिंदू पंचांग की माने तो बसंत पंचमी का त्यौहार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाते हैं और यह इस साल 29 जनवरी को पड़ रही हैं। ऐसे में इस दिन मां सरस्वती ने प्रकट होकर संसार को स्वर प्रदान किया था। कहते हैं बसंत पंचमी के दिन देवी मां सरस्वती की आराधना करने से विद्यार्थियों को बुद्धि और विद्या का वरदान प्राप्त होता हैं। आप सभी को बता दें कि बसंत पंचमी पर्व पर लोग पीले वस्त्रों को धारण करते हैं और देवी मां की आराधना करते हैं। इसी के साथ इस दिन पीले रंग के पकावन बनाने का भी विशेष महत्व माना जाता हैं।

बंसत पंचमी से हो जाता है ‘फाग उत्सव’ का आरंभ

बसंत पंचमी के दिन हर घर में सरस्वती की पूजा भी की जाती है। इसके अलावा बसंत पंचमी से होती है ‘फाग उत्सव’ की शुरूआत-यह पूजा भारत, पश्चिमोत्तर, बांग्लादेश, नेपाल तथा कई अन्य राष्ट्रों में भी बड़े उल्लास के साथ की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि बसंत का त्योहार चीनी लोगों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। सैकड़ों वर्ष पूर्व चीन में बसंत को ‘नियन’ कहा जाता था।वही  उस समय नियन का अर्थ भरपूर फसल वाला साल था। हमारे यहां हर त्योहार की कुछ बेहद अनूठी परंपराएं हैं। कुछ प्रदेशों में बसंत पंचमी के दिन शिशुओं को पहला अक्षर सिखाया जाता हे। सरस्वती पूजन के दौरान स्लेट, कॉपी, किताब तथा पेंसिल-पेन का स्पर्श कराया जाता है। वही इसी तरह गांवों में आज भी बसंत पंचमी के साथ 40 दिनों का ‘फाग उत्सव’ शुरू हो जाता है। भारतीय संगीत, साहित्य और कला में बसंतु ऋतु का महत्वपूर्ण स्थान है। संगीत में एक विशेष राग बसंत के नाम पर बनाया गया है जिसे राग बसंत कहते हैं।