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शौचालय में हो रहा मध्यान्ह भोजन तैयार, लड़कियां खुले में शौच के लिए मजबूर

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Apr 25, 2018

मध्यप्रदेश सरकार भले ही करोड़ो का बजट बनाकर प्रदेश में स्कूलो का निर्माण कराए। साथ ही वहां पर स्वच्छ भारत अभियान को अमली जामा पहनाने के लिए शौचालय का निर्माण कराए। लेकिन शालाओं में पदस्थ शिक्षक एवं जिम्मेदार अधिकारी अपने कारनामों से विभाग की छवि को खराब करने में लगे है। जी हां हम बात कर रहे है दमोह जिले में स्थित एक ऐसे स्कूल की जहां पर टायलेट में मध्यान्ह भोजन निर्माण का किचन संचालित किया जाता है। जब टायलेट में खाना बनाया जाता है तो बालिकाओं के इस शौचालय में बालिकाओं को जाने के लिए जगह नहीं बचती ऐसे में यहां के बच्चे खुले में शौच जाने को मजबूर होते है। 

शौचालय में बनता है खाना
दमोह जिले के पटेरा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले जन शिक्षा केंद्र कुम्हारी की नवीन माध्यमिक शाला मुडा में बीते साल ही नवीन भवन का निर्माण किया गया था। जहां पर शासन की मंशा के अनुसार बालक एवं बालिका शौचालय का अलग अलग निर्माण किया गया था। लेकिन किचन शेड के अभाव के चलते बालिका शौचालय में ही किचन का संचालन किया जाने लगा है। यहां पर खाना बना रही रसोईया से पूछा गया तो उसने बताया कि शाला के शिक्षिकों ने ही शौचालय में खाने पीने का सामान रखने की अनुमति दी है। यही कारण है कि वो यहां पर मध्यान्ह भोजन का निर्माण करती है

जिले के अधिकारी अनजान
नवीन माध्यमिक शाला मुडा में बने बालिका शौचालय में स्कूली बच्चों के लिए भोजन का निर्माण करने के मामले में जिले के अधिकारी अनजान है। उनका कहना है कि आपके ही माध्यम से उनको इस प्रकार की लापरवाही की जानकारी लगी है। वे अभी बीआरसी एवं शाला को देखने वाले जनशिक्षक एवं जिम्मेदारों से बातचीत करते है। जो भी इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार होगा। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

स्कूलों में पदस्थ स्टाफ करते हैं मनमानी
शासकीय स्कूलों में पदस्थ स्टाफ की मनमानी का यह अकेला उदाहरण नहीं है। ऐसे अनेक मामले चाहे जब सामने आते है। जिसमें शासन की मंशा के विपरीत वहां पर पदस्थ शिक्षक कार्य करके विभाग को बदनाम करने का काम करते हैै। साथ ही जिनकी सुविधा के लिए शासन लाखों रूपयो का खर्च कर भवनों का निर्माण कराती है। वे बच्चे सुविधाओं से वंचित होकर स्वच्छ भारत अभियान को ठेंगा दिखाते खुले में टायलेट जाने मजबूर होते है।