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अब ग्वालियर नगर निगम टैंकरों पर खर्च करेगा 10 करोड़ से ज्यादा रूपए

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May 31, 2018

ग्वालियर जिले में जल संकट के नाम पर जमकर गोलमाल चल रहा है। अब अफसर निजी टैंकर संचालकों और बोरिंग करने वाले ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का खेल खेल रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि जितना पैसा ककेटो और पहसारी डेम से तिघरा तक पानी लाने में खर्च नहीं हुआ, उतना पैसा यानि की दस करोड़ से ज्यादा की बड़ी रकम निगम 2 महीने में जुलाई तक शहर में बोर कराने और टैंकरों से पानी सप्लाई करने के नाम पर खर्च करेगा।  

जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक ग्वालियर के तिघरा डेम में 5 सितंबर तक का पानी मौजूद है। अगर तिघरा से पानी की पर्याप्त सप्लाई होती है, तो लोगों को बोरिंग और टैंकरों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। न तो नए बोर की जरूरत होगी, न ही नए टैंकरों की। अगर तिघरा से पहले जमीन का पानी खत्म हुआ तो पूरे शहर को सप्लाई कैसे होगी। इसलिए पहले तिघरा से जुलाई तक पर्याप्त मात्रा में शहर को पानी सप्लाई कर सकते हैं। उसके बावजूद नए बोर और शहर में टैंकरों से पानी सप्लाई का खेल शुरू हो गया है। जिस पर विपक्ष का कहना है कि इस पैसे का सीधा लाभ निगम में प्राइवेट टैंकर लगाने वाले ठेकेदार और निगम के आधिकारियों को हो रहा है।

ग्वालियर नगर निगम के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले दो माह में करीब 100 से अधिक बोर किए जा चुके हैं। इन पर करीब ३ करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। वहीं 121 टैंकरों को किराए पर लगाया गया है, जिन पर 11 जुलाई तक करीब 5 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी। कुल खर्च 10 करोड़ रुपए के आसपास पहुंचने का अनुमान है, जबकि ककेटो और पहसारी डेम से पानी लिफ्ट करने का प्लान कुल 9.30 करोड़ रुपए का था। जिसे निगम ने अमली जमा पहनकर दोनों ही डेमों को खाली कर दिया है। वहीं निगम के मेयर के पास अपनी ही दलीलें है....।

ऐसे समझें निजी टैंकरों का खेल....
·         11 जुलाई तक निगम ने प्राइवेट टैंकर किराए पर लगाए हैं।

·         887 रुपए प्रति टैंकर, प्रति चक्कर पर करना होगा भुगतान।

·         5 से 6 चक्कर एक दिन में एक ट्रैक्टर टैंकर लगा सकेगा।

·         121 टैंकर लगे हैं, जिन्हें 5.36 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा। 

·         टैंकरों की संख्या में इजाफा किया गया तो यह राशि और बढ़ सकती है।

बहरहाल नगर निगम के अफसर चाहतें तो, नई बोर करने की वजह सीधे तिघरा के पानी की सप्लाई कराते तो जमीन के अंदर के पानी को बचाया जा सकता था। लेकिन अफसर बरसात से पूर्व ही टैंकर और बोरिंग के खेल को पूरा करने में लगे हैं। जिसको लेकर फिर से नगर निगम में बवाल खड़ा हो गया है।