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गुड़ागुड़ी नाके पर बनेगा ओपन जू, 100 हेक्टर पहाड़ी पर मिलेगी जमीन

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Apr 11, 2018

मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में नया ओपन जू बनाने के लिए नगर निगम को वन भूमि मिलने का मामला लगभग साफ हो गया है। जल्द ही नगर निगम को इसके लिए ग्वालियर के गुड़ागुड़ी के नाके पर 100 हेक्टर पहाड़ी पर जमीन मिल जाएगी। इस बीच निगम प्रशासन ने गांधी प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) को डेवलप करने के लिए 16 करोड़ रुपए की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार उसे केन्द्रीय जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेज दिया है। जिस पर विपक्ष निगम हंगामा कर रहा है। उसके मुताबिक जब नए जू के लिए भूमि आंवटन का मामला साफ है, तो फिर 16 करोड़ से जू का एक्टेंशन क्यों किया जा रहा है।

नगर निगम और वन विभाग करेंगे संयुक्त रूप से प्रोजेक्ट पर ​काम 
दस साल से फॉरेस्ट ओर ग्वालियर नगर निगम के बीच फॅंसा प्रदेश का सबसे बड़ा प्रस्तावित ग्वालियर का चिड़ियाघर अब गुड़ागुड़ी के नाके की पहाड़ियां पर बनेगा। इसके लिए वन विभाग के अफसर स्थानीय स्तर पर सहमत हो गए हैं। भोपाल व दिल्ली से स्वीकृति दिलाने की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ली है। नगर निगम व वन विभाग के अफसर अब संयुक्त रूप से इस प्रोजेक्ट पर काम करेंगे। लेकिन इस बीच निगम कमिश्नर की पुराने चिड़िया घर की डीपीआर विवादों में आ गयी है। क्योंकि इस डीपीआर में 16 करोड़ रूपए के काम मौजूदा चिड़िया घर में एक्टेंशन के नाम पर कराएं जा रहे है। जिसका विरोध नगर निगम का विपक्ष कर रहा है।

नेता प्रतिपक्ष नगर निगम ग्वालियर कृष्णराव दीक्षित के मुताबिक नगर निगम प्रशासन और मेयर इस निगम के पैसे को अनावश्यक रूप से इस्तेमाल कर रहे है इसीलिए नए चिड़िया घर और पुराने के एक्टेंशन के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है।

ये काम जिन पर है विवाद

1. 16 करोड़ रुपए की राशि से 10 नए पिंजरे बनाए जाएंगे

2.  जिनके नक्शे जू अथॉरिटी आफ इंडिया से स्वीकृत होंगे।

3.   इसके अलावा वर्तमान में चिड़ियाघर में मौजूद दूसरे पिंजरों का सुधार कार्य भी होगा। 

4.   जू का एक्सटेंशन पीछे की तरफ किया जाएगा।

 इसके लिए दो हेक्टेयर भूमि चयनित की जा चुकी है। यह भूमि चिड़ियाघर से सटी हुई है। ग्रीन बेल्ड होने से काफी कुछ फायदा भी चिड़ियाघर प्रबंधन को मिलेगा। मास्टर प्लान के अनुसार जू का ले-आउट प्लान तैयार किया गया है। 

कई जगहों का किया निरिक्षण
ग्वालियर नगर निगम और वन विभाग अफसरों ने बीतों महीनों में संयुक्त रूप से चिरवाई नाका, गुड़ागुड़ी के नाके की पहाड़िया और ओहदपुर पहाड़ी का निरीक्षण किया था। उसके बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रस्तावित चिड़ियाघर योजना की समीक्षा की। वन विभाग ने चिरवाई नाका पर लगभग 100 हेक्टेयर तक भूमि उपलब्ध कराने की सहमति दी। इस बीच नगर निगम प्रशासन की कोशिश है कि जू के साथ-साथ टाइगर सफारी भी बनाया जाए। इसके बनने से टाइगरों को पर्यटक खुले में घूमता हुआ देख सकेंगे। वहां तक वाहन आसानी से जा सकेगा, क्योंकि जो जगह देखी गई है, वहां पहाड़ी क्षेत्र के अलावा समतल भूमि भी मौजूद है। चिड़ियाघर प्रबंधन मुकुंदपुर के चिड़ियाघर को ध्यान में रखकर टाइगर सफारी की प्लानिंग में भी है। वहां 24 हेक्टेयर भूमि पर टाइगर सफारी बनाया गया है। वहां पर्यटक खुले में टाइगर को घूमते आसानी से देख रहे हैं। 

16 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार 
बता दें चिड़ियाघर को विकसित करने के लिए 16 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार कर ली गई है इसे केन्दीय जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेजा जाएगा वहां से पैसों की डिमांड की जाएगी। नए चिड़ियाघर के लिए जमीन वन विभाग से मांगी जा रही है।

नए चिड़ियाघर को बनाने में लगेंगे 80 से 90 करोड़ 
बहरहाल नए चिड़ियाघर को बनाने के लिए 80 से 90 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी। यह राशि केंद्र सरकार के अलावा प्रदेश सरकार भी देगी। पूरा चिड़ियाघर जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमों को ध्यान में रखकर ही बनाया जाएगा। प्रोजेक्ट के लिए कोशिश की जा रही है कि 115 से 120 हेक्टेयर जमीन मिल जाए। हालांकि वन विभाग 100 हेक्टेयर भूमि देने को तैयार है। इस बीच पुराने चिड़ियाघर में 16 करोड़ रूपए के एक्टेंशन के काम विवाद ने निगम कमिश्नर और मेयर विवेक शेजवलकर की कार्यप्रणाली पर कई सारे सवाल पैदा कर दिए है, ऐसे में देखना होगा कि विवादों के बीच पुराने चिड़ियाघर के एक्टेंशन काम हो पाता है, या फिर अब नए चिड़ियाघर पर फोकस होगा।