Loading...
अभी-अभी:

दो डॉक्टरों के भरोसे प्रदेश का एकमात्र न्यूरोलॉजी विभाग हो रहा संचालित

image

Sep 11, 2018

धर्मेन्द्र शर्मा : मध्य प्रदेश में केवल ग्वालियर का गजराराजा मेडिकल कॉलेज में ही न्यूरोसर्जरी एवं न्यूरोलॉजी विभाग है। न्यूरोसर्जरी में तो समय के साथ स्टाफ की बढोत्तरी हुई, लेकिन न्यूरोलॉजी विभाग की अनदेखी की जा रही है। स्थिति यह है कि दो डॉक्टरों के भरोसे प्रदेश का एकमात्र न्यूरोलॉजी विभाग संचालित हो रहा है। जबकि हर महीने 500 से ज्यादा मरीज भर्ती होते हैं, जिनकी देखभाल के लिए स्टाफ उधार मांगना पड़ता है। विभाग के एचओडी ने 6 अगस्त को डीएमई को पत्र लिखकर एक बार फिर स्टाफ मांगा है। 

ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज में साल 1971-72 में न्यूरोसर्जरी और न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट की नींव रखी गई थी। वर्तमान में न्यूरोसर्जरी विभाग में करीब आधा दर्जन से अधिक डॉक्टर, एसआर हैं, जबकि न्यूरोलॉजी में एचओडी के अलावा केवल एक सहायक प्राध्यापक है। न्यूरोलॉजी में प्रतिमाह 3 हजार की ओपीडी है और भर्ती मरीज संख्या करीब 500 है। सालाना की बात करें तो ओपीडी संख्या करीब 22 हजार और भर्ती मरीज संख्या 3 हजार होती है। ऐसे में न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉक्टरों की क्रसिसेस बढ़ती जा रही है, जिसको मरीजों को सही तरीके से इलाजा नही मिल पा रहा है।

हालत इससे भी समझे जा सकते है न्यूरोलॉजी विभाग जयारोग्य अस्पताल समूह के अंडर में आता है साथ ही सुपर स्पेशलिटी सेवा होने के बाद भी यहां डॉक्टर तो दूर पर्याप्त स्थाई नर्स तक नहीं हैं। वर्तमान में एचओडी डॉ. दिनेश उदैनिया एवं सहायक प्राध्यापक डॉ. अरविन्द दुबे यहां सेवाएं दे रहे हैं। विभाग के लिए 40 बेड स्वीकृत हुए थे, लेकिन न्यूरोलॉजी विभाग के पास वर्तमान में केवल 25 बेड ही हैं। 15 बेड का इस्तेमाल न्यूरोसर्जरी विभाग कर रहा है। विभागीय डॉक्टर भी स्टाफ की समस्या के चलते बेड बढ़ाने की मांग उठाने से कतराते हैं। ऐसे में विभाग मेडिकल कॉलेज अपनी लाचारी बता रहा है।


·   न्यूरोलॉजी विभाग में ब्रेन अटैक, लकवा, मिर्गी, कमर दर्द, दिमागी बुखार सहित कई अन्य प्रकार की बीमारियों का उपचार होता है। न्यूरोलॉजी के एचओडी ने 8 एसआर, 6 जेआर सहित ग्राउंड स्टाफ के लिए 6 अगस्त को पत्र लिखा है।

·         40 बेड स्वीकृत, वर्तमान में केवल 25 बेड

·         30 पत्र स्टाफ उपलब्ध कराने के लिए लिखे जा चुके हैं

·         3 हजार की ओपीडी प्रतिमाह, भर्ती मरीज संख्या 500

जयारोग्य अस्पताल समूह के न्यूरोलॉजी विभाग के हालत इसलिए भी बिगड़ रहे है क्योंकि यहां डॉक्टरों के रिटायर होने के बाद पद नही भरे गए है। क्योंकि मेडिकल ऑफिसर डॉ. योगेन्द्र प्रधान 31 जून को न्यूरोलॉजी विभाग से रिटायर हो चुके हैं। एसआर जगत पाल ट्रैंड हुए थे, लेकिन उनकी ड्यूटी भी कैजु्‌ल्टी में लगा दी गई। इसके बाद नई भर्ती कोई हुई ही नहीं है। जबकि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने नई भर्ती को लेकर पत्राचार भी किया है। लेकिन उसका रिजल्ट कोई नही निकला है।