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पैडवुमेन, जो गांव गांव जाकर बांट रही सेनेटरी नेपकिन पैड :महिला दिवस स्पेशल

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Mar 8, 2018

महिलाओं के मासिक धर्म को लेकर अब समाज को जागरुक करने के लिए कई फिल्में बन रही हैं, तो कहीं पीएम नरेंद्र मोदी को नैपकिन पैड पर चिट्ठी लिखी जा रही है। इन सबके बीच हम आपको एक ऐसी महिला से मिलवाने जा रहे है, जो ग्वालियर में पेड वुमेन के नाम से जाती है। पैडवुमैन किरण वाजपेई ग्वालियर के उन गांव में पहुचंकर लोगों को सेंनेंट्री नेपकिन बांटती है, जिनके पास आज तक सरकारी मशीनरी नही पहुंची है। पेड वुमैन किरण महिला दिवस के मौके पर भी ग्रामीण महिलाओं के पास पहुंची है और उन्हें नेपकिन भेंट कर रही है।

महिलाओं को किया जा रहा जागरूक
कभी नैपकिन पैड से जीएसटी को खत्म करने की मांग तो कभी पैडमैन के नाम से अक्षय कुमार की फिल्म, अब लगातार सेनेटरी नैपकिन को लेकर शहर से लेकर गांव तक महिलाओं को जागरुक करने का काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में महिला दिवस के मौके पर ग्वालियर में पेड वुमेन के नाम से जाने जाने वाली महिला पेड वुमैन किरण गांव-गांव जा रही है और उन्हें सेंटरी नेपकिन दे रही है।

महिलाओं की समस्याओं के लिए संगठन कर रहा काम
वहीं इस बारे में किरण वाजपेई का कहना है कि महिलाओ की समस्याओं को देखते हुऐ हमने ये तय किया है कि महिलाओं की समस्या को दूर करने के लिए इस तरह का संगठन बनाया जाये।कि महिलाएं ही महिलाओं के लिए कार्य करे। तो मैने पैड वोमेन करके एक संगठन बनाया है और इस पैड वोमेन संगठन के तहत हम महिलाएं मिलकर ग्रामीण ऐरिया की रिमोट एरिया की, झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली महिलाएं, जो पैड की कॉस्ट को एफोर्ड नही कर सकती या इस पैड  को यूज न करने के कारण काफी बीमारी झेल रही है उनको हमने फोकस किया है।

अब तक 10 हजार महिलाओं को बांट चुकी है पैड, लक्ष्य है 1 लाख 
किरण का कहना है कि उन्होंने ऐसे ग्रामीण एरिया का चयन किया है जहां लोग सेनेटरी नैपकिन के बारे में जानते ही नहीं थे। वह आज तक मासिक धर्म में सिर्फ कपड़ा ही यूज करते थे। ऐसे में उन्होंने सैकड़ों महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन अपने खुद के पैसे से दिए है उनका मानना है ऐसा करने से उन्हें अंदर से संतुष्टि मिलती है साथ ही महिलाएं भी स्वस्थ रहेंगी। वैसे किरण वाजपेई अब तक 10 हजार महिलाओं को पैड बांट चुकी है, और उनका लक्ष्य 1 लाख महिलाओं को पेड बांटना है।

अगले महीने महिलाओं को फ्री ऑफ कॉस्ट बांटने का टारगेट
हमने ग्रुप्स बनाकर इसका नेटवर्क तैयार किया और पैड बांटने का काम शुरू किया पिछले तीन महीने से में ये काम कर रही हूं और हमारा टारगेट है कि अगले तीन महीनों तक में इन महिलाओं को फ्री ऑफ कॉस्ट बांटुगी। इनको इसके बारे में समझाएंगे। जिससे ये इसके बारे में समझे। किरण महिला दिवस के मौके पर ग्वालियर जिले के डूंगरपुर गांव के महिलाओं और लड़कियां के पास पहुंची है जो नेपकिन पाने के बाद बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि सरकार योजनाएं तो चलाती हैं, लेकिन उनके पास नहीं पहुंचती हैं ऐसे में पैड वुमैन किरण के द्वारा उन्हें सेनेटरी नैपकिन भेंट करना कोई सौगात से कम नही है।

सोशल एक्टिविस्ट अपने खर्चें से कर रहे काम, सरकार बेखबर
बहरहाल सेनेटरी नैपकिन को लेकर शहर से लेकर गांव और फिल्म से लेकर सोशल मीडिया हर तरफ सेनेटरी नैपकिन को लेकर महिलाओं और युवतियों को जागरुक करने का काम किया जा रहा है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि जो काम सरकार को करना चाहिए था। वह काम आप खुद सोशल एक्टिविस्ट अपने खर्चें से कर रहे है।