Feb 28, 2020
इंदौर: मध्य प्रदेश सरकार ने इस बार गाइडलाइन में निर्माण लागत बढ़ाकर घाटे की पूर्ति करने की योजना है। आपको बता दे कि दर में 25-30 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी होगी। जिसमें गाइडलाइन केवल उन इलाकों में बढ़ाई जाएगी, जहां शासकीय दरों से ज्यादा में संपत्ति की खरीदी-बिक्री हो रही है। वहां गाइडलाइन में वे नव विकसित क्षेत्रों और कॉलोनियां भी जोड़ी जाएंगी जो की अभी तक गाइडलाइन से दूर हैं। वहीं, शहर के आसपास विकसित हो रहे क्षेत्र में संपत्ति की खरीदी-बिक्री का सर्वे करके यह दरें तय की जाएंगी। बीते गुरुवार को विभागीय दौरे पर इंदौर आए विभाग के संयुक्त महानिरीक्षक इंद्रजीत जैन ने जानकारी दी कि इस बार समय पर 1 अप्रैल को ही नई गाइडलाइन आएगी। इसमें निर्माण लागत दर को बढ़ाने की संभावना है।
दर बढ़ाने के लिए अलग-अलग स्लैब निर्धारित
वहीं निर्माण दर बढ़ाने के लिए अलग-अलग स्लैब निर्धारित किए गया है। इसके अंतर्गत पहले स्लैब में इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर जैसे राजभोगी शहरों को रखा गया है। इनमें निर्माण की दरें समान रखी जाएंगी। वहीं, इंदौर में इस समय गाइडलाइन की निर्माण दर 800 रुपए वर्गफीट है, जबकि वास्तव में यह 1200 रुपए के आसपास है। बीते साल शासन ने गाइडलाइन दर को सीधे 20 प्रतिशत कम कर दिया था। इस साल विभाग से राजस्व का लक्ष्य 6500 करोड़ रुपये रखा गया है, जो 6000 करोड़ रुपये तक ही पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं, घाटे की पूर्ति करने के लिए इंदौर समेत अन्य शहरों में जहां पुराने क्षेत्रों में बढ़ी हुई दर पर सौदे हो रहे हैं, वहां भी गाइडलाइन बढ़ाई जाएगी। नए इलाकों को गाइडलाइन में सम्मलित किया जाएगा। पंजीयन विभाग के अफसरों ने कहा है कि इंदौर में एमआर-10 और अरविंदो हॉस्पिटल के सामने ढेरों कॉलोनियां विकसित हो रही हैं। एक और कच्ची जमीनों के सौदे 2 हजार रुपए में हो रहे हैं, जबकि पास की गाइडलाइन 4 हजार रुपए है तो वहां नए क्षेत्रों को गाइडलाइन में सम्मलित किया जाएगा।