Nov 14, 2016
भोपाल। लोक-मंथन विमर्श के समापन दिवस पर आज 'मीडिया की वर्तमान प्रवृत्तियाँ एवं रचनात्मक पत्रकारिता की आवश्यकताएँ'' विषय पर समानांतर सत्र में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि मीडिया की भूमिका में रिसर्च और गहन चिंतन की आवश्यकता है। वर्तमान में देश में जो नवाचार हो रहा है। मीडिया में भी ऐसे ही नवाचार की आवश्यकता है। मीडिया में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। मीडिया में युवा अपनी जिम्मेदारी सिर्फ नौकरी तक सीमित न रखकर सकारात्मक भूमिका में पत्रकारिता करें, तो बदलाव में उनकी अहम भूमिका रहेगी।
वरिष्ठ पत्रकार विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि समाज में मीडिया की स्थिति गंभीर है। हमें एक पत्रकार के तौर पर अपनी भूमिका स्वयं तय करनी होगी। तिवारी ने अपने अनुभव ताजा करते हुए बताया कि मैंने पाँच वर्ष भारत भ्रमण कर 170 स्टोरी पर कार्य किया। उन्होंने कहा पत्रकार को स्वयं अपनी भूमिका तय कर समाज एवं देश के प्रति अपनी जवाबदेही का निर्वहन सकारात्मक खबरों के साथ तय करना होगा।
जनसत्ता के संपादक वरिष्ठ पत्रकार मुकेश भारद्वाज ने कहा कि आज मीडिया में कठिनाई थोड़ी आपस की है जिसके चलते राष्ट्रभक्ति भी सवालों के दायरे में है। हालात और माहौल ऐसे बना दिए गए हैं कि यह सब हम पर हावी हो गए हैं। आज देश में कोई सामंतशाही नहीं है। हम दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। अखबारों और चैनलों का अपना एक निज़ाम है। फिर भी पत्रकारिता सवालों के घेरे में है। ऐसे माहौल में भी मीडिया की ताकत जिंदा है। अखबार ने अपनी भूमिका सदा अदा की है। वर्तमान में यह भूमिका थोड़ी संकुचित हो गई है, जिसे हम दूर कर सकते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार के. जी. सुरेश ने कहा कि मीडिया अच्छा काम करता है तो सराहना कीजिए। यदि पीत पत्रकारिता होती है तो चुप नहीं रहना चाहिए। यदि गलत होता है तो कार्यवाही की जानी चाहिए। मीडिया की बड़ी भूमिका रही है और रहेगी। मीडिया में अपवाद की भूमिका ट्रेंड का काम कर रही है। इसका विरोध बहुत जरूरी है। सरकार यदि जनता की भलाई करती है तो उसे भी उजागर करना चाहिए। हाल ही में नोटबंदी के मामले में मीडिया ने इस घटना के विरोध के बावजूद भी सकारात्मक ढंग से कवरेज किया। यह मीडिया की सकारात्मकता का अच्छा उदाहरण है। सत्र का संचालन लोकेन्द्र सिंह राजपूत ने किया। सत्र में श्रोताओं के विभिन्न विचारों और प्रश्नों का मंथन बृज किशोर कुठियाला सहित सभी अतिथियों ने किया।