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सामाजिक समरसता बनाने में साहित्यकारों की अहम भूमिका: मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्र

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Jun 30, 2018

दतिया में मध्यप्रदेश शासन के जल संसाधन, जनसम्पर्क एवं संसदीय कार्य विभाग मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्र ने शाासकीय स्वाशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय दतिया के प्राचार्य डाॅ. एमएल प्रभाकर के द्वारा लिखी गई तीन पुस्तकों का विमेाचन किया। कार्यक्रम स्थानीय संत कवरराम धाम में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य डाॅ. प्रभाकर के अलावा अन्य विद्वानजन, दतिया साहित्यकार तथा बाहर के साहित्यकार मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान लोक देवता हरदौल महाकाव्य, रतनगढ माता मंदिर मांडूला शोध काव्य तथा अम्बेडकर शतक तीन पुस्तकों का विमोचन किया गया। 

जनसम्पर्क मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि बुंदेली भाषा में स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को जनता के समक्ष काव्य के रूप में प्रस्तुत करना बहुत बडी उपलब्धी है। मैं यहां विद्वान से भरी मंच पर सभी से अनुरोध करता हूं कि दतिया के सामाजिक और सांस्कृतिक इतिहास को खोज कर अधिक से अधिक लिखे ताकि यहां की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत का नई पीढी को पता लग सकें। उन्होंने डाॅ. प्रभाकर से अनुरोध किया कि वह सेवा निवृत्ति के उपरांत अपना समय साहित्य सृजन में लगाए और सामाजिक समरसता को समृद्व करने में अपना योगदान दें। 

कार्यक्रम के दौरान दतिया के प्रसिद्व साहित्यकार और लेखक विद्वान डाॅ. केवीएल पांडे, डाॅ. कामनी सेवढा, श्री लोकेन्द्र सिंह नागर, डाॅ. उमाशंकर खरे पृथ्वीपुर, डाॅ. लखनलाल खरे, तथा डाॅ. रतीभान तिवारी छतरुपर आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए लोक भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए प्राचार्य डाॅ. प्रभाकर को बधाई दी।