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राजगढ़ ब्यावरा के इस स्कूल में हो रहे नियम विरुद्ध कार्य, सहायक अध्यापक को बनाया जन शिक्षक

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Mar 10, 2019

दिनेश शर्मा : ब्यावरा जिला राजगढ़ में आए दिन शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते लापरवाहियां देखने में आती रहती है जो की एक गंभीर समस्या है। ऐसा ही एक और मामला सामने आया जिसमें नियम विरुद्ध संकुल प्राचार्य की मेहरबानी के चलते एक सहायक अध्यापक को पिछले करीब एक साल से जनशिक्षक का अतिरिक्त प्रभार दे रखा है। जिसे देखने वाला कोई नहीं।

बता दें कि जनशिक्षा केंद्र शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राजगढ़ अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय तालाब का पूरा (टिटोडि) से संकुल प्राचार्य द्वारा नियम विरुद्ध सहायक अध्यापक जमना लाल पिपलोटिया को जनशिक्षक का अतिरिक्त प्रभार सोंप रखा है। जबकि यह पद अध्यापक/शिक्षक ग्रेड का है। 

सहायक अध्यापक को दिया जनशिक्षक का प्रभार
तालाब का पूरा (टिटोड़ी) में नविन विद्यालय की स्वीकृति पूर्व जिला पंचायत सी.ई.ओ. इलैया टी राजा के अथक प्रयासों से सपेरा जाती के लोगों को शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गयी थी। इसी कारण स्कूल में दो सहायक अध्यापको की की नियुक्ति की गई थी। नीलम त्रिपाठी व जमना लाल पिपलिटिया की जिससे बच्चों को उनके ही गाँव में अच्छी शिक्षा मिल सके लेकिन सभी बातो को नजर अंदाज कर संकुल प्राचार्य हेमलता हाड़ा द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम जिसमे प्राथमिक शाला में न्यूनतम दो शिक्षक अनिवार्य के प्रावधान का उल्लंघन करते हुए जमना लाल को नियमों को ताक पर रखते हुए एक सहायक अध्यापक को ही जनशिक्षक का अतिरिक्त प्रभार सोंप दिया गया।

स्कूल में सिर्फ एक शिक्षक
प्राप्त सूत्रों के द्वारा जानकारी मिलने पर जब इस प्रतिनिधि द्वारा स्कूल निरीक्षण किया गया तो वाकई सही पाया गया। स्कूल में मात्र एक ही सहायक अध्यापक मिले। स्कूल के हालातों के बारे में जब नीलम त्रिपाठी से जानकारी ली गई तो उनके द्वारा बताया गया की स्कूल की शुरुआत के समय यहाँ पर हम दो सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की गयी थी लेकिन पिछले करीब एक वर्ष पहले संकुल प्राचार्य द्वारा जमना लाल जो की सहायक अध्यापक है। उन्हें जनशिक्षक का अतिरिक्त प्रभार सोंप दिया गया जिसके बाद से नीलम त्रिपाठी ही अकेली स्कूल संभाल रही है। 

संकुल प्राचार्य की बड़ी लापरवाही 
देखा जाए तो यहां पर संकुल प्राचार्य की लापरवाही इतनी बड़ी है की इनके द्वारा जनशिक्षा अधिनियम का खुल्ला उल्लंघन किया गया। जिसके अंतर्गत किसी भी सहायक अध्यापक को जनशिक्षक के पद हेतु पात्र नहीं माना गया ऐसे ही के मामलों में नियम विरुद्ध कार्य किये जा रहे है। लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा नहीं की जाती हे कार्यवाही जिसके कारण गरीब ग्रामीणों के बच्चे बेहतर शिक्षा से वंचित हो रहे है।