Feb 28, 2024
Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम में मंगलवार से तीन दिवसीय अपने-अपने राम कार्यक्रम शुरू हुआ। इसके माध्यम से कवि डॉ. कुमार विश्वास युवाओं को सनातन से जोड़ने में लगे हुए हैं। विश्वास ने व्याख्यान में कहा कि वर्षों पूर्व सनातन विरोधियों ने हमारे आराध्य देव भगवान महादेव को नशेड़ी के रूप में रखा। इसी तरह भगवान कृष्ण को रसिया बनाया और श्रीराम को एक धोबी के कहने पर पत्नी को त्याग देने वाला चित्र रखा, जबकि बाल्मीकि रामायण में इस तरह का कोई प्रसंग नहीं है। विश्वास ने कहा कि प्रेम जब संस्कारों के साथ होता है तो वह शाश्वत होता है, लेकिन जब यही प्रेम छुपकर वासना के साथ दिखता है तो यह मृत्यु तक ले जाता है। उन्होंने बागेश्वर बालाजी से प्रार्थना की कि उन्हें युवाओं को वाम पथ से रामपथ पर लाने की शक्ति दे।
विज्ञान से पहले हमारे धर्मशास्त्रों ने की मिसाइल की कल्पना
डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि हमारे धर्मशास्त्रों ने इंद्र के पुत्र जयंत का प्रसंग सुनाया, जिसमें कहा गया कि भगवान श्रीराम ने एक तिनका उस कौआ के रूप में आए जयंत के पीछे छोड़ दिया था। विज्ञान ने पहले इसे नहीं माना लेकिन जब मिसाइलें टेढ़े-मेढ़े रास्ते से जाकर आकाश में हमला करती हैं तो विज्ञान को मानने वालों ने इसे स्वीकार कर लिया।
