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खंडवाः सामाजिक संस्था और गूगल ने वर्षों से बिछड़े पिता-पुत्र को मिलाया

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Aug 3, 2019

अखिलेश ठाकुर- गूगल की मदद से वृद्ध आश्रम संचालिका ने अपने परिजनों से बिछड़े एक निःसहाय बुजुर्ग को उसके परिजनों से मिलवाया। वर्षों बाद अपने पिता को पाकर बेटे की आँखों में जैसे आंसुओं का समन्दर उतर आया। वर्षों से बिछड़े पिता-पुत्र सामाजिक संस्था और गूगल की मदद से एक दुसरे से मिलने में कामयाब हो गए। दरअसल एक वर्ष पूर्व उड़ीसा के रहने वाले 75 वर्षीय कुबेरदास जगन्नाथ पूरी यात्रा करने गए थे। लौटने के दौरान गलत ट्रेन में बैठ गए। जिस कारण अपने परिवार से दूर वह भटकते-भटकते खंडवा आ गए। खंडवा में लोगों ने उन्हें रामनगर स्थित वृद्धाश्रम पहुंचा दिया। वृद्धाश्रम संचालिका अनिता सिंह ने उनकी देखभाल के साथ-साथ उनके परिजनों से मिलवाने की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई।

छानबीन करने पर गाँव में मिला बुजुर्ग का परिवार

उड़िया भाषी होने के कारण उसकी भाषा यहाँ कोई समझ नहीं पा रहा था। कुबेरदास अपने जिले का नाम नयागढ़ बताया। आश्रम संचालिका ने गूगल की मदद से नयागढ़ जिले के पुलिस कप्तान का नम्बर तलाशकर उनसे इस बुजुर्ग की बात करवाई। बुजुर्ग ने पुलिस को सारी जानकारी दी। उड़ीसा पुलिस ने भी इस बुजुर्ग के गाँव मदभट में जाकर इस शख्स की जानकारी ली। गाँव में उसका परिवार भी मिल गया। तभी पुलिसकर्मी ने इस बुजुर्ग की मोबाइल पर वीडियो कॉल से उसकी पहचान करवाई। परिजनों ने बुजुर्ग की पहचान कर उन्हें लेने तत्काल खंडवा आ गए। 

साल भर तक तलाशते रहे परिजन

बुजुर्ग के परिजनों ने बताया कि उनकी एक साल तक हर जगह छानबीन की, पर कहीं उनका पता नहीं मिल पाया। ग्रामीणों ने बुजुर्ग की मौत की बात कह कर उनका क्रियाकर्म करने तक की सलाह दी, लेकिन बुजुर्ग के परिजनों का दिल यह मानने को कतई तैयार नहीं था कि बुजुर्ग अब इस दुनिया में नही हैं। वर्षों बाद ही सही अपनों को पाकर बुजुर्ग भी काफी खुश थे। बहरहाल, इसे मानवता की मिसाल कहना कतई गलत नहीं होगा, जहाँ किसी बुजुर्ग को उसके बिछड़े परिजनों से मिलवाने के लिए किसी ने प्रयास किया और उसका बिछड़ा परिवार मिल गया।