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मध्य प्रदेश में वन भूमि और पेसा अधिनियम पर CM मोहन यादव की सख्ती, ग्राम सभाओं को मिलेगा पेसा मोबिलाइजर नियुक्ति का अधिकार

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Jul 6, 2025

मध्य प्रदेश में वन भूमि और पेसा अधिनियम पर CM मोहन यादव की सख्ती, ग्राम सभाओं को मिलेगा पेसा मोबिलाइजर नियुक्ति का अधिकार

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वनाधिकार और पेसा अधिनियम से जुड़े मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। वन भूमि पर नए अतिक्रमण को रोकने और पेसा मोबिलाइजर्स की नियुक्ति का अधिकार ग्राम सभाओं को सौंपने का निर्देश दिया गया है। यह कदम आदिवासी हितों की रक्षा और स्थानीय सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।

वन भूमि पर अतिक्रमण रोकने की सख्ती

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में वनाधिकार एवं पेसा अधिनियम टास्क फोर्स की बैठक में साफ निर्देश दिए कि वन भूमि पर किसी भी प्रकार के नए अतिक्रमण को सख्ती से रोका जाए। इसके लिए सतत निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। हाल ही में देवास जिले के खातेगांव में खिवनी अभ्यारण्य के लिए 80 झोपड़ियों को हटाए जाने की घटना के बाद सीएम ने त्वरित संज्ञान लिया था। उन्होंने मंत्री विजय शाह को घटनास्थल का दौरा करने और प्रभावितों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए।

पेसा मोबिलाइजर्स को ग्राम सभाओं का अधिकार

सीएम ने बैठक में पेसा अधिनियम के तहत मोबिलाइजर्स की नियुक्ति और उनकी सेवा समाप्ति का अधिकार ग्राम सभाओं को देने का ऐलान किया। इससे स्थानीय स्तर पर जवाबदेही और सहभागिता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि पेसा मोबिलाइजर्स की फील्ड में सक्रिय भूमिका दिखनी चाहिए, ताकि आदिवासी समुदायों के हितों की रक्षा हो सके।

31 दिसंबर तक दावों का निराकरण

वनाधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक दावों के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री ने 31 दिसंबर 2025 की समयसीमा निर्धारित की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस अवधि में सभी दावों का समाधान हर हाल में किया जाए। यह कदम आदिवासी समुदायों को उनके हक दिलाने और वन भूमि से जुड़े विवादों को सुलझाने में मददगार साबित होगा

Report By:
Monika